Exclusive Coloumn On Ram Mandir: भगवान राम के प्रति आस्था व सम्मान की तो बात ही क्या करनी स्वयं हिन्दू धर्म में ही श्री राम पर एकाधिकार जताने की होड़ सी मची हुई। खास तौर पर देश के किसी भी राज्य में जब भी चुनाव करीब होते हैं उस दौरान राम के नाम का इस्तेमाल पूरे जोर शोर से किया जाता है।
Exclusive Coloumn On Ram Mandir: कहा गया है। पूरा विश्व भगवान श्री राम चन्द्र जी को आस्था व सम्मान की नजरों से देखता है। विश्व के अलग अलग धर्मों व विश्वासों से संबंध रखने वाले अनेकानेक लेखकों व कवियों ने मयार्दा पुरुषोत्तम श्री राम का गुणगान किया है। विश्व के अनेक देशों में भगवान श्री राम के मंदिर देखे जा सकते हैं। परन्तु दुर्भाग्यवश भारत में ही श्री राम चन्द्र जी के नाम का इस्तेमाल आस्था के लिए कम परन्तु राजनीति के लिए अधिक किया जाने लगा है।
अन्य धर्मों के लोगों की भगवान राम के प्रति आस्था व सम्मान की तो बात ही क्या करनी स्वयं हिन्दू धर्म में ही श्री राम पर एकाधिकार जताने की होड़ सी मची हुई। खास तौर पर देश के किसी भी राज्य में जब भी चुनाव करीब होते हैं उस दौरान राम के नाम का इस्तेमाल पूरे जोर शोर से किया जाता है। सर्वविदित है कि जब से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संरक्षण में विश्व हिन्दू परिषद ने चार दशक पूर्व अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का आंदोलन चलाया तब ही से उसके राजनैतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी ने भगवान राम के नाम पर चुनावी राजनीति करनी शुरू कर दी। बावजूद इसके कि अब सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर निर्माण के रास्ते प्रशस्त कर दिए हैं और अब भगवान राम के नाम पर की जाने वाली राजनीति बंद हो जानी चाहिये परन्तु ठीक इसके विपरीत अभी भी राम नाम का सहारा लेकर चुनावों में बढ़त हासिल करने की कोशिश बदस्तूर जारी है। अंतर केवल इतना है कि अब राम के नाम पर राजनीति राम मंदिर निर्माण संबंधी नारों से नहीं बल्कि भगवान राम के नाम के ‘जय कारों’ को लेकर की जाने लगी है। शीघ्र ही आम विधान सभा चुनावों का सामना करने जा रहा राज्य पश्चिम बंगाल आजकल श्री राम के उत्तेजक नारों का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की ऐसी कोई भी रैली या जन सभा नहीं हो रही जहां उत्तेजना फैलाने के अंदाज से ‘जय श्री राम’ के नारे न लगाये जा रहे हों।
गत माह कोलकाता में भारत सरकार द्वारानेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्य मंत्री ममता बनर्जी दोनों ही मौजूद थे। यहां भी भाजपा समर्थकों द्वारा ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया गया। ममता बनर्जी इस से इतना नाराज हो गई कि उन्होंने अपना भाषण ही नहीं दिया और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में अपनी आपत्ति व नाराजगी सार्वजनिक रूप से जताई। इस घटना के विषय में जब बी बी सी ने तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्या महुआ मोइत्रा से प्रश्न किया कि -‘क्या ममता बनर्जी का ‘जय श्री राम’ के नारे को लेकर इसतरह अपनी नाराजगी जताना ठीक था?
इस पर उनका जवाब था कि-” उन्होंने जो किया वो बिल्कुल सही था। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। और जिस कार्यक्रम में वो शामिल हो रही थीं, वह केंद्र सरकार का कार्यक्रम था। केंद्र सरकार चाहती है तो संविधान में संशोधन करे, उनके पास बहुमत है. ‘सेक्युलर’ शब्द को संविधान से हटा दे। हिंदू राष्ट्र बना दे, फिर कोई दिक़्कत नहीं होगी। जब तक हमारे संविधान में सेक्युलर शब्द है, आप किसी सरकारी कार्यक्रम में धार्मिक नारे नहीं लगा।