विजय शेखर शर्मा की लोकप्रिय ई-वॉलेट कंपनी पे-टीएम ने रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर रामा गांधी को अपना सलाहकार बनाया है. रामा गांधी 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों की नोटबंदी के वक्त रिजर्व बैंक में करंसी मैनेजमेंट का काम देखते थे.
नई दिल्ली. 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों की नोटबंदी के समय रिजर्व बैंक में करंसी मैनेजमेंट संभाल रहे रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर रामा गांधी को विजय शेखर शर्मा की ई-वैलेट कंपनी पे-टीएम ने अपना सलाहकार नियुक्त किया है. 8 नवंबर, 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन, आतंकी फंडिंग और तमाम तरह की आर्थिक गड़बड़ियों को दूर करने के लिए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों की नोटबंदी का ऐलान किया था तो उसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक में नोट की छपाई और सप्लाई का काम देख रहे डिप्टी गवर्नर रामा सुब्रमण्यम गांधी ही समय-समय पर मीडिया के सामने आकर बैंकों में जमा नोटों का हिसाब देते थे.
रात 8 बजे नोटबंदी की घोषणा के बावजूद अगले ही दिन अखबारों में नरेंद्र मोदी के फैसले की तारीफ में पे-टीएम के फुल पेज विज्ञापन पर विवाद हुआ था. विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो इस्तेमाल करने पर विवाद हुआ और कंपनी ने माफी मांगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस विज्ञापन पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि बीजेपी नेताओं और उनके दोस्तों को ये पहले से बता दिया गया था कि नोटबंदी होने वाली है. नोटबंदी के बाद पे-टीएम के ग्राहकों की संख्या 14 करोड़ से बढ़कर 27 करोड़ हो गई. नोटबंदी के शुरुआती दिनों में तो लोगों के लिए चाय से लेकर सब्जी दुकान तक पे-टीएम ही लोगों का सहारा था.
पे-टीएम ने रामा गांधी की सलाहकार के तौर पर नियुक्ति का ऐलान करते हुए कहा है कि वो अपने साथ पेमेंट सिस्टम, रेगुलेशन और कॉरपोरेट गर्वनेंस का वर्षों का अनुभव लेकर आ रहे हैं. गांधी ने इस नियुक्ति पर कहा है- “मैंने अपना पूरा जीवन वित्तीय सेवा क्षेत्र में नीति निर्माण और संस्थाओं की मजबूती को समर्पित कर दिया है. अपना ज्ञान
साझा करने और इनोवेटिव वित्तीय सेवाएं खड़ी करने में पी-टीएम को गाइड करने में मुझे खुशी मिलेगी.”
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