नई दिल्ली. आईटी कंपनी इनफोसिस के पूर्व सीएफओ टी वी मोहनदास पई ने बड़ी IT कंपनियों की पॉलिसी पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि लंबे समय से IT इंडस्ट्री में फेशर लेविल की सैलेरी स्थिर बनी हुई है.सभी आईटी कंपनियों ने सांठगांठ (कार्टेल) से एंट्री लेविल की सैलेरी को जस के तस बनाए रखा है. पई ने इस आरोप के साथ फेशर्स के लिए बेहतर डील पर जोर दिया. बता दें कि इससे पहले इंफोसिस के ही सह- संस्थापक एनआर नारायण मूर्ती ने भी एक बयान में कहा था कि सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में फ्रेशर्स की सैलरी पिछले 7 सालों से नहीं बढ़ाई गई जबकि सीनियर स्तर पर सैलेरी में दुगने की बढ़ोतरी हो चुकी है.
पई ने कहा कि कंपनियां अधिक इंजीनियर्स की सप्लाई का फायदा उठाकर बाजार को कंट्रोल करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि यहां बड़ी कंपनियों का एक कार्टल है. जो लंबे समय से एक दूसरे से बात करके सैलेरी न बढ़ाने के लिए कहते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि ये लोग हमेशा मिलते हैं और इसपर चर्चा करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीती को देखें तो इस इंडस्ट्री में फेशर्स की सैलेरी पिछले 7 सात सालों में बढ़ने की जगह 50 प्रतिशत कम ही हुई है.
पई ने कहा कि यही वजह है कि 5 सालों में कंपनी छोड़ने की दर सबसे अधिक हुई है. कंपनियों का इस तरह का रवैया उसे बेहतर कौशल से दूर कर रहा है. उन्होंने कहा कि टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियों को इसको लेकर शुरुआत करनी चाहिए और फ्रेशर्स को अच्छी सैलेरी पर नियुक्त करना चाहिए.
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