इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा पा चुके जियो फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट ने अपनी पहले साल की कमाई का खाका अभी से ही तैयार कर लिया है. बता दें कि इस इंस्टीट्यूट को अस्तित्व में आने से पहले ही इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिए जाने पर विवाद हो गयाथा.
नई दिल्ली. हाल ही में बिना अस्तित्व में आए चर्चा में रहे रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट ने एक ही साल में 100 करोड़ रुपया जुटाने का खाका भी तैयार कर लिया है. खबर है कि ये पैसा एक साल में लगभग 1000 छात्रों की ट्यूशन और हास्टल फीस से आएगा. कहा जा रहा है कि सिर्फ पेपर पर रहते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा पा चुके जियो इंस्टीट्यूट में इस साल से तीन वर्ष के लिए छात्रों का दाखिला शुरू हो जाएगा. इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा पाने वाले संस्थानों में जियो इंस्टीट्यूट के अलावा आईआईटी दिल्ली, आईआईएससी, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी, आईआईटी बॉम्बे, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजूकेशन भी शामिल हैं.
जियो इंस्टीट्यूट पहले साल 38 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप बांटेगा. वहीं फीस की बात करें कतो इंस्टीट्यूट हर छात्र से एक साल में 6.2 लाख रुपये बसूलेगा. इंस्टीट्यूट्स की कमाई की बात करें तो पिछले साल बिट्स ने अपने गोवा, पिलानी, हैदराबाद और दुबई कैंपस के छात्रों की ट्यूशन और हास्टल फीस से 467 करोड़ रुपए इकट्ठे किए थे. ये पैसे 13857 छात्रों से लिए गए. यानि हिसाब लगाएं तो हर छात्र से 3.39 लाख रुपए वसूल किए गए हैं.
जियो इंस्टीट्यूट ने दावा किया है कि वह इस साल अपने यहां 250 छात्रों को कंप्यूटर साइंस, 300 को प्राकृतिक विज्ञान, 129 को ऑटरप्रिन्योरशिप, 90 लॉ, 200 छात्र ह्युमैनिटीज, 60 मीडिया में दाखिला देगा. इसके अलावा खेल विज्ञान में 80, ऑर्किटेक्ट में 50, परफॉर्मिंग ऑर्ट में 50 छात्रों को दाखिला दिया जाएगा. इन सब पर जियो इंस्टीट्यूट पहले साल 154 करोड़ रुपए खर्च करेगा. जियो का दावा है कि वह अपने यहां विश्व के टॉप 500 विश्वविद्यालयों से शिक्षकों को अपने यहां लाएगा.
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