Russia Ukraine War नई दिल्ली, Russia Ukraine War रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्ज़ा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है. दूसरी तरफ यूक्रेन ने भी युद्ध से पीछे नहीं हटने का मन बना लिया है और हर हमले का जवाब दे रहा है. […]
नई दिल्ली, Russia Ukraine War रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्ज़ा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है. दूसरी तरफ यूक्रेन ने भी युद्ध से पीछे नहीं हटने का मन बना लिया है और हर हमले का जवाब दे रहा है. इस बीच यूक्रेन की मदद के लिए स्वीडन सामने आया है. स्वीडन ने 83 साल पुरानी कसम को तोड़कर यूक्रेन की मदद के लिए 5000 एंटी टैंक रॉकेट लॉन्चर देने की घोषणा की हैं. पीएम एंडरसन ने यूक्रेन को 5000 आर्मर शॉट 86, 5000 सेफ्टी वेस्ट्स, 5000 हेलमेट और 1,35,000 फील्ड राशन प्रदान करने की घोषणा की है. स्वीडन को यूक्रेन की सहायता के लिए कुल 40 करोड़ SEK (करीब 31 करोड़ रुपये) खर्च करने होंगे.
Sweden will send military aid to Ukraine 🇺🇦. It includes 5,000 anti-tank weapons, 5,000 helmets, 5,000 body shields and 135,000 field rations. It also includes 500 million SEK to the Ukrainian Armed Forces🇺🇦. The total support is almost 1,4 billion SEK.
— Ann Linde (@AnnLinde) February 27, 2022
पीएम एंडरसन ने कहा कि जब किसी भी देश पर संकट आता है तो हमे कोई असाधारण फैसला लेना पड़ता है. यह फैसला असाधारण इसलिए है क्योकि 1939 में फिनलैंड पर सोवियत हमले के बाद यह पहली बार है जब स्वीडन ने इस तरह का समर्थन प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि स्वीडन यूक्रेन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है और सब जानते है कि युद्ध का जिम्मेदार रूस है. पीएम एंडरसन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून यूक्रेन को रूस के हमलों के खिलाफ खुद को बचाने का पूरा अधिकार देता है और हम उसे व्यापक समर्थन देंगे।
रूस के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अमेरिका और उसके कुछ साझेदार फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल होने पर चिंता जताई थी और ये चेतवानी दी थी कि यदि दोनों देश नाटो में शामिल होते है तो मॉस्को जवाबी कदम उठाने पर मजबूर होगा। हलाकि इस बात स्वीडन पर कोई असर नहीं हुआ और उसने यूक्रेन की मदद का ऐलान किया है. शुक्रवार को पीएम मैग्डेलेना एंडरसन ने देश के सैन्य कमांडर माइकल बाइडन के साथ एक सम्बोधन में कहा कि ‘मैं यह बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि स्वीडन स्वयं और आजाद तरीके से अपनी सुरक्षा नीति पर फैसला करेगा.’