नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकारी की ओर से नौकरी कर रहे कर्मचारियों को झटका मिल सकता है. एक न्यूज वेबसाइट रिपोर्ट की मानें तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ((ईपीएफओ) प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ की ब्याज दरें 8. 65 फीसदी से कम करने की तैयारी में है. रिपोर्ट में दावा है कि ईपीएफओ ब्याज दरों में 15 से 25 आधार अंकों तक कमी कर सकता है. कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से जनवरी के आखिरी सप्ताह में यह ऐलान किया जा सकता है.
अगर आप भी नौकरीपेशा हैं तो शायद पीएफ के रकम का महत्व अच्छी तरह से समझते होंगे. नौकरी के दौरान यह रकम व्यक्ति के भविष्य के लिए सुरक्षित की जाती है. इसमें पैसा तो जमा होता ही है, साथ-साथ पीएफ पर ब्याज दर भी मिलता है. काफी लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से पीएफ फंड से पैसा निकालते हैं. पीएफ की ब्याज दर घटाने के केंद्र सरकार के फैसले का करीब 8 करोड़ लोगों पर असर पड़ेगा.
ईपीएफओ ने साल 2019 मार्च में समाप्त वित्तवर्ष के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर का ऐलान किया था. इससे पहले लोगों को पीएफ पर 8.55 फीसदी का ब्याज दर मिलता था. हाल ही में खबर यह भी आई थी कि निर्मला सीतारमण का वित्त मंत्रालय नौकरी करने वाले लोगों के पीएफ पर अधिक रिटर्न देने के पक्ष में नहीं है. इसके पीछे मंत्रालय का तर्क है कि अधिक रिटर्न देने की हालात में बैंकों के लिए आकर्षक ब्याज दरें देना बिल्कुल भी संभव नहीं है क्योंकि इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
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