EPF Account Claim: ईपीएफ अंशधारक की अचानक मौत पर उनके नॉमिनी बीमा राशि के लिए फार्म-5 भरकर क्लेम कर सकते हैं. नॉमिनी अगर माइनर है तो उसकी तरफ से गार्जियन क्लेम कर सकता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक ब्योरा देना होगा. क्लेम के 30 दिन में भुगतान नहीं होने पर नॉमिनी को 12 फीसदी ब्याज अतिरिक्त मिलेगा.
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफ ने कोरोना काल में जनता को बड़ी राहत देते हुए बड़ा फैसला किया है. किसी भी ईपीएफ सदस्य की अचानक मौत पर नॉमिनी को इश्योरेंस के 7 तक लाख रुपये मिलेंगे जो पहले 6 लाख रूपये तक ही दिए जाते थे. ईपीएफओ की पेंशन-ईडीएलआई कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है साथ ही पेंशन स्कीम 1995 की जगह नई स्कीम लाने की तैयारी शुरू की गई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अंशधारक की बीमारी, दुर्घटना, असामायिक या स्वाभाविक मौत पर 1976 से इम्प्लॉयज डिपॉजिट लिंक्ड इन्श्योरेंस स्कीम शुरू की हुई है जिस बाबत हुई बैठक में नए फैसले को मंजूरी दी गई है. माना जा रहा है कि बुधवार को सीबीटी की बैठक के बाद इसपर औपचारिक मुहर लग जाएगी. नई स्कीम के तहत न्यूनतम इंशोरेंस की राशि 2.5 लाख ही रहेगी.
ईपीएफ अंशधारक की अचानक मौत पर उनके नॉमिनी बीमा राशि के लिए फार्म-5 भरकर क्लेम कर सकते हैं. नॉमिनी अगर माइनर है तो उसकी तरफ से गार्जियन क्लेम कर सकता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक ब्योरा देना होगा. क्लेम के 30 दिन में भुगतान नहीं होने पर नॉमिनी को 12 फीसदी ब्याज अतिरिक्त मिलेगा.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों पर फैसला हो गया है. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर साल 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज तय किया गया है. लेकिन फिलहाल, EPFO की तरफ से सिर्फ 8.15% ब्याज दिया जाएगा और जो बाकी का 0.35 फीसदी ब्याज है वो दिसंबर महीने में दिया जाएगा. ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल ने पांच मार्च की बैठक में ईपीएफ पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी जो पहले से 0.15 प्रतिशत कम है.
गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 प्रतिशत PF में जाता है. इतना ही योगदान कंपनी की तरफ से भी जमा होता है. हालांकि, कंपनी का हिस्सा दो हिस्सों में बांटा जाता है. इसमें से 8.33 फीसदी EPS में जाता है. वहीं, बाकी हिस्सा PF खाते में जाता है.