नई दिल्ली. केंद्र सरकार अब ब्रांड प्रमोशन करने वाले सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स पर शिकंजा कसने की पुरी तैयारी में है, जिसके तहत अब इनफ्लुएंसर को ब्रांड प्रमोशन करने पर मिलने वाले पैसों की घोषणा भी करनी होगी और अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार इसे लेकर जल्द ही गाइडलाइन भी लाने वाली है. नई गाइडलाइन अगले 10 से 15 दिनों में जारी हो सकती है, इस संबंध में सरकार ने कहा है कि इनफ्लुएंसर को यह बताना पड़ेगा कि यह एक विज्ञापन है. अगर इनफ्लुएंसर ऐसा नहीं करता है तो उसको भारी पेनेल्टी भरनी होगी.
सरकार से जुड़े रिपोर्ट्स का कहना है कि इस गाइडलाइन के दायरे में सिलेब्रिटीज भी आएंगे. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि उपभोक्ता मामलों का विभाग बहुत जल्द इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने वाला है. इसमें यह बताया जाएगा कि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को ब्रांड प्रमोशन करते समय क्या-क्या करना है और क्या-क्या नहीं, इसके साथ ही ये भी बताया गया है कि ऐसे लोग जिनके इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर फॉलोअर्स की संख्या काफी अधिक है, वे ब्रांड से पैसा लेने के बाद उत्पादों का प्रचार करते हैं इसलिए अब उन्हें ये बताना होगा कि वो प्रचार कर रहे हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अगर सोशल मीडिया प्रचारक धन लेने के बाद किसी ब्रांड का प्रचार करेंगे तो उन्हें उस ब्रांड के साथ अपने संबंध के बारे में बताना होगा. उन्हें प्रचार वाली पोस्ट पर इस बाबत घोषणा करनी होगी. इस बीच, केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रेगुलेट करने के लिए ‘देर-सवेर’ एक रूपरेखा पेश करेगी, जिसमें यूजर्स को इन प्लेटफॉर्म से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है.
केंद्र ने कहा कि सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए सरकार की रूपरेखा प्रस्तावित है, इसलिए सोशल मीडिया अकाउंट के निलंबन के मौजूदा मामलों को मौजूदा नियमों के अनुसार ही तय करना होगा. यह दलील केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने जस्टिस यशवंत वर्मा के सामने दी, जो ट्विटर यूजर्स सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यूजर्स के खातों के निलंबन के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रहे थे.
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