अयोध्या/लखनऊ/नई दिल्ली: रामनगरी अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार ने बीजेपी की पूरे देश में थू-थू करवाई. इस बीच अब अयोध्या की ही मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है. बीजेपी लोकसभा वाली हार इस उपचुनाव में नहीं देखना चाहती है. वह किसी भी कीमत पर मिल्कीपुर का उपचुनाव जीतना चाहती है. […]
अयोध्या/लखनऊ/नई दिल्ली: रामनगरी अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार ने बीजेपी की पूरे देश में थू-थू करवाई. इस बीच अब अयोध्या की ही मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है. बीजेपी लोकसभा वाली हार इस उपचुनाव में नहीं देखना चाहती है. वह किसी भी कीमत पर मिल्कीपुर का उपचुनाव जीतना चाहती है. इसके लिए बीजेपी ने तगड़ी तैयारी शुरू कर दी है. सीएम योगी ने अपने खास नेता को मिल्कीपुर भेजा है, जो वहां पर चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे.
वैसे तो मिल्कीपुर सीट की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद अपने कंधो पर ले रखी है. लेकिन उन अपने दो विशेष दूत मिल्कीपुर भेजे हैं. ये दोनों नेता मिल्कीपुर में तब तक डेरा डाले रहेंगे जब तक उपचुनाव संपन्न नहीं हो जाता है. इन दोनों नेताओं का नाम है- सूर्य प्रताप शाही और रामचंद्र यादव है. बता दें कि सूर्य प्रताप शाही यूपी सरकार में मंत्री है. उनकी गिनती सीएम योगी के करीबी नेताओं में होती है. वहीं राम चंद्र यादव रूदौली विधानसभा सीट से विधायक हैं. राम चंद्र का घर मिल्कीपुर विधानसभा सीट के अंतर्गत ही आता है, यही वजह है कि उनकी उपचुनाव में बड़ी भूमिका रहने वाली है.
गौरतलब है कि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट, जहां पर कुछ दिनों बाद उपचुनाव होना है वो सपा सांसद अवधेश प्रसाद का गढ़ है. अवधेश को सपा ने इस सीट का प्रभारी बनाया है. वे यहां से कई बार विधायक रह चुके हैं. 2012 में इस सीट से जीतकर अवधेश राज्य की सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. हालांकि, 2017 के चुनाव में उन्हें हार झेलनी पड़ी. बीजेपी के गोरखनाथ बाबा ने उन्हें मात दी थी. लेकिन इसके बाद 2022 में उन्होंने जबरदस्त वापसी की और अपनी सीट फिर से जीत ली. इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट से वे सांसद बने.
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