नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए शनिवार यानी 16 मार्च को चुनाव आयोग को सील बंद लिफाफे में जमा कराया गया चुनावी बॉन्ड का ब्योरा वापस कर दिया है। अब चुनाव आयोग रविवार यानी 17 मार्च शाम तक यह ब्योरा वेबसाइट पर जारी कर देगा। हालांकि यह ब्योरा […]
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए शनिवार यानी 16 मार्च को चुनाव आयोग को सील बंद लिफाफे में जमा कराया गया चुनावी बॉन्ड का ब्योरा वापस कर दिया है। अब चुनाव आयोग रविवार यानी 17 मार्च शाम तक यह ब्योरा वेबसाइट पर जारी कर देगा। हालांकि यह ब्योरा अप्रैल 2019 से पहले का है।
संभव है कि इस ब्योरे में पूरे आंकड़े दिए जाएंगे। जिससे यह भी पता चलेगा कि उस वक्त किस कंपनी ने किस राजनीतिक दल को कितनी फंडिंग की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 14 मार्च को चुनाव आयोग ने 22,217 चुनावी बांड के ब्योरे को जारी किया था।
कोर्ट ने जब 2019 से पहले के आंकडे भी सार्वजनिक करने को कहा तो चुनाव आयोग ने साफ किया कि पहले की सारी जानकारी वह पहले ही कोर अदालत में जमा करा चुका है। लिहाजा अदालत उसे वापस करे तभी सार्वजनिक हो सकेगा। कोर्ट ने शनिवार यानी 16 मार्च को वह जानकारी वापस कर दी है। अब रविवार को चुनाव आयोग उसे पब्लिक करेगा।
गौरतलब है कि 2019 से पहले का जो ब्योरा आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था। वह राजनीतिक दलों की ओर से प्रदान की गई थी। ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि उस डेटा से फंड देने वाली कंपनियों का भी नाम का खुलासा हो। जो डेटा 14 मार्च को जारी किया गया था। उसे एसबीआई की ओर से दिया गया था। उसमें अल्फा न्यूमेरिकल की जानकारी नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से पूछा था कि यह नंबर क्यों नहीं मुहैया कराया गया। इस बाबत अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।