नई दिल्लीः चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर पीएम मोदी ने पहली बार अपनी बात रखी। एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना के खारिज होना हमारी सरकार के लिए झटका नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों को मिले पैसे का कोई हिसाब नहीं मिलता था। मुझे बताइए ऐसा क्या हुआ जिससे यह माना जाए कि यह मेरी सरकार के लिए झटका है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि जो लोग इसे लेकर आज खुश हो रहे वो पछताने वाले हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं उन सभी विद्वानों से पूछना चाहता हूं कि 2014 से पहले जीतने भी चुनाव हुए, उनमें पैसा कहां से आया। तो वो कौन सी एजेंसी है जो बता पाए कि पैसा कहां से आया, कहां गया ? उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने बॉन्ड बनाया, इसके कारण आज आप ढूंढ पा रहे हो कि बॉन्ड किसने लिया, किसे दिया। पीएम मोदी ने कहा कि कोई व्यवस्था पूर्ण नहीं होती, कमियां हो सकती हैं लेकिन उन्हें सुधारा जा सकता है।
चुनावी बॉन्ड एक तरह का वचन पत्र है। इसकी खरीदारी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं पर किसी भारतीय या कंपनी की ओर से की जा सकती है। यब बॉन्ड नागरिक या कॉरपोरेट कंपनियों अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक पार्टी को दान कर सकते हैं। बता दें कि इसकी शुरुआत 29 जनवरी 2018 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने की थी। चुनाव बॉन्ड को फाइनेंशियल बिल के साथ 2017 में संसद में पेश किया गया था।
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