Electoral Bond: 2019-20 में मोदी सरकार को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला 74 फीसद चंदा, सिर्फ 9 फीसद कांग्रेस के खाते में

Electoral Bond : बीजेपी ने 2019-20 वित्त वर्ष में बेचे गए इलेक्टोरल बॉन्ड्स के तीन-चौथाई हिस्से पर कब्जा किया है। यहां तक ​​कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को कुल बॉन्ड का 9 फीसदी ही मिला है। जबकि बीजेपी की हिस्सेदारी 74 फीसदी यानी कि 2555 करोड़ रुपये की रही।

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Electoral Bond: 2019-20 में मोदी सरकार को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला 74 फीसद चंदा, सिर्फ 9 फीसद कांग्रेस के खाते में

Aanchal Pandey

  • August 10, 2021 3:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली. बीजेपी ने 2019-20 वित्त वर्ष में बेचे गए इलेक्टोरल बॉन्ड्स के तीन-चौथाई हिस्से पर कब्जा किया है। यहां तक ​​कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को कुल बॉन्ड का 9 फीसदी ही मिला है। जबकि बीजेपी की हिस्सेदारी 74 फीसदी यानी कि 2555 करोड़ रुपये की रही।

इंडियन एक्सप्रेस ने चुनाव आयोग से हासिल डेटा के आधार पर ये जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी की हिस्सेदारी 2017-18 वित्त वर्ष में 21 फीसदी से बढ़कर 2019-20 में 74 फीसदी हो गई है। कुल मिलाकर, इस अवधि के दौरान बॉन्ड से पार्टी की इनकम दस गुना से अधिक बढ़ गई है। पार्टी को 2017-18 में कुल 989 करोड़ रुपये में से 210 करोड़ रुपये और 2019-20 में 3427 करोड़ रुपये में से 2,555 करोड़ रुपये हासिल हुए। वहीं कांग्रेस को 2018-19 में बॉन्ड के जरिए 383 करोड़ रुपये मिले और 2019-20 में 318 करोड़ रुपये हासिल हुए।

इसके अलावा, 2019-20 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बॉन्ड के जरिए 29.25 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 100.46 करोड़ रुपये, डीएमके ने 45 करोड़ रुपये, शिवसेना ने 41 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय जनता दल (आरडेजी) ने 2.5 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी ने 18 करोड़ जुटाए।

मालूम हो कि मोदी सरकार ने साल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरुआत की थी। इलेक्टोरल बॉन्ड फाइनेंस एक्ट 2017 के द्वारा लाए गए थे. यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते हैं. सरकार का दावा है कि इससे राजनीतिक चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता आएगी। सबसे खास बात ये है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कोई भी डोनर अपनी पहचान छिपाते हुए अपनी पसंद की राजनीतिक पार्टी को चंदा दे सकता है।

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