नई दिल्लीः भारतीय चुनाव आयोग ने गुरुवार यानी 14 मार्च को चुनावी बॉन्ड के तहत राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों के नाम को पब्लिक कर दिया है। आयोग द्वारा सार्वजानिक किए गए विवरण से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिस कंपनी के खिलाफ मार्च 2022 में ईडी ने धन सोधन के आरोप में जांच की थी उस कंपनी ने 1368 करोड़ रुपए के चुनावी बांड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दिया था।
उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करते हुए एसबीआई ने बताया था कि 1 अप्रैल 2109 से लेकर 15 फरवरी 2014 तक के बीच 22,217 चुनावी बांड जारी किए गए थे। इनमें से 22,030 करोड़ राजनीतिक दलों को चंदे के रुप में दिए गए थे।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से मिली समय सीमा से पहले बांड के जरिए चंदा लेने वालों के नामों की जानकारी अपने वेबसाइट पर सार्वजानिक कर दी है। आयोग ने अपनी बेवसाइट पर दो फाइलों का ब्योरा दिया है।
सार्वजानिक किए गए विवरण के विश्वलेषण से स्पष्ट होता है की राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल से लेकर एयरटेल के सुनिल भारती तक का नाम शामिल है। वेदांता समूह अनिल अग्रवाल, आईटीसी और महिंद्रा के अलावा फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के नाम शामिल है।
इसके अलावा वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपए दिए। जबकि सुनिल मित्तल की तीन कंपनियों ने कुल मिलाकर कुल 246 करोड़ रुपए बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिया। इसके अलावा स्टील टाइकून लक्ष्मी निवास मित्तल ने 35 करोड़ रुपए के बांड खरीदे और राजनीतिक दलों को दिया। जानकारी के मुताबिक हैदराबाद स्थित मेघा इंजिनियरिंग ने 966 करोड़ रुपए के बांड खरीदें।
निजी तौर पर चुनावी बांड के जरिए दाने वालें में लक्ष्मी निवास मित्तल के अलावा, किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बी के गोयनका, जैनेंद्र साह और मोनिका जैसे व्यक्ति भी शामिल है।
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