नई दिल्ली : तारीख 2 नवंबर को पटना में सीपीआई के मंच और बिहार के सीएम नीतीश कुमार बतौर अतिथि पहुंचे थे. रैली का नारा था बीजेपी हटाओ-देश बचाओ. तमाम विपक्षी नेता मौजूद थे. जब नीतीश कुमार बोलने आये तो उनका दर्द छलक उठा. उन्होंने कहा, ‘देश के नेताओं को I.N.D.I.A गठबंधन के लिए जुटाना आसान नहीं था. सभी पक्षों से बातचीत हुई. सभी को एकजुट होने को कहा. हमें उन लोगों से बचाएं जो देश का इतिहास बदल रहे हैं.’ 23 जून को पटना में एक बैठक हुई. इसके बाद इंडिया अलायंस बना. अब ये हो गया है. अभी तक ज्यादा काम नहीं हुआ है. कांग्रेस पार्टी 5 राज्यों में व्यस्त है. हम सभी कांग्रेस को आगे बढ़ाये, लेकिन उन्हें इन सब बातों की चिंता नहीं है.
नीतीश कुमार ने जो भी कहा उसके कई मायने हैं. अब तक वह काफी शांत दिख रहे थे. उनकी तरफ से कांग्रेस के लिए ऐसा कोई बयान नहीं आया था. हालांकि, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने पहले ऐसा कोई बयान नहीं दिया.
जेडीयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधार हैं. इसलिए पहली बैठक बिहार में ही हुई. नीतीश कुमार को इस बात का भी दुख है कि उन्हें इंडिया का निर्माता कहा जाता है, लेकिन इंडिया गठबंधन से उन्हें कुछ नहीं मिला. उनकी पार्टी के कई नेताओं ने नीतीश कुमार को पीएम पद का प्रबल दावेदार बताया. समन्वयक नियुक्त करने का मुद्दा उठा. हालांकि, नीतीश कुमार ने कभी ऐसी मंशा जाहिर नहीं की. फिलहाल नीतीश कुमार ने कांग्रेस को इंडिया गठबंधन का खलनायक बताया है.
अभी हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने इंडिया गठबंधन की अंदरूनी लड़ाई पर चिंता जताई. उन्होंने कहा था कि गठबंधन में अभी भी कुछ अंदरूनी झगड़े हैं, जो नहीं होने चाहिए थे. खासकर ऐसे वक्त में जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. उन्होंने मौजूदा हालात में गठबंधन को कमजोर बताया.
अखिलेश ने सीटों का हिसाब साफ़ किया
कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपनी रणनीति का खुलासा किया है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. अखिलेश यादव ने विपक्ष के लिए सिर्फ 15 सीटें छोड़ने का इरादा जताया है. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा 80 में से 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 15 सीटें अपने गठबंधन सहयोगियों के लिए छोड़ेगी. यूपी में इंडिया गठबंधन के सहयोग करने वाले चार दल हैं. इनमें सपा, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और अपना दल (के) शामिल हैं।
इससे पहले अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस पर विश्वासघात का आरोप लगाया था. वह 6 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार थे. लेकिन कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे. बाद में सपा ने एमपी की 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. अखिलेश ने कहा कि सपा अकेले दम पर यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी को हराने में पूरी तरह सक्षम है.
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