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Election: क्या राजनीति से संन्यास लेंगी मायावती ? भतीजे आनंद को बनाया उत्तराधिकारी

नई दिल्लीः बसपा सांसद दानिश अली को पार्टी से निकालने के बाद मायावती ने एक और बड़ा फैसला ले लिया है। इस बार उन्होंने अपनी भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी घोषित किया है। यह फैसला मायावती ने लखनऊ में पार्टी की बैठक के दौरान लिया। बता दें कि बैठक में बसपा के सभी राष्ट्रीय […]

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Election: क्या राजनीति से संन्यास लेंगी मायावती ? भतीजे आनंद को बनाया उत्तराधिकारी
  • December 10, 2023 4:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः बसपा सांसद दानिश अली को पार्टी से निकालने के बाद मायावती ने एक और बड़ा फैसला ले लिया है। इस बार उन्होंने अपनी भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी घोषित किया है। यह फैसला मायावती ने लखनऊ में पार्टी की बैठक के दौरान लिया। बता दें कि बैठक में बसपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य के प्रमुख पदाधिाकरियों को बुलाया गया था। मिटिंग में बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों और राज्यों के वरिष्ठ नेताओं के साथ हाल ही में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों से उपजी चुनौतियों से निपटने की रणनीति भी बनाई गई है।

आकाश आनंद को जानिए

मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की शिक्षा ग्रहन की है। वहीं साल 2017 में आकाश की राजनीति में एंट्री हुई थी। सहारनपुर में रैली के दौरान पहली बार मायावती के साथ आकाश मंच पर दिखाई दिए थे। बसपा प्रमुख मायावती ने 2017 में एक बड़ी रैली कर आकाश आनंद को राजनीति में लाने का ऐलान किया था। आकाश को इससे पहले पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब मायावती ने उन्हें अपना आधिकारीक तौर पर उत्तराधिकारी घोषित किया है।

पार्टी में हो सकता है फेरबदल

दरअसल बहुजन समाज पार्टी अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने के लिए एक बार फिर से नई योजनाओं पर विचार कर रही हैं। नई योजनाओं में तमाम तरह के फेरबदल और पार्टी में निष्क्रिय हो चुके नेताओं को भी बदलने का आदेश जारी हो चुका है। बहुजन समाज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी की नीतियों और बाबा साहेब के मिशन को नीचे तक पहुंचाने में बहुत से नेता नाकाम हो चुके हैं। वह कहते हैं कि इस बारे में बसपा प्रमुख मायावती को भी पूरी जानकारी है कि कौन नेता किस तरह से पार्टी में काम कर रहा है। उनके अनुसार अगले कुछ दिनों में पार्टी के भीतर न सिर्फ बड़े बदलाव होंगे, बल्कि बूथ स्तर तक पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

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