नई दिल्लीः राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए जारी सस्पेंस आखिरकार पर ब्रेक लग गया है। तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से कई नामों को लेकर चर्चा चल रही थी। इस बीच भाजपा ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की और विधायक दल की बैठक में 12 दिसंबर को भजन लाल शर्मा […]
नई दिल्लीः राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए जारी सस्पेंस आखिरकार पर ब्रेक लग गया है। तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से कई नामों को लेकर चर्चा चल रही थी। इस बीच भाजपा ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की और विधायक दल की बैठक में 12 दिसंबर को भजन लाल शर्मा के नाम पर मुहर लगी। अब भजन लाल शर्मा के हाथों में राजस्थान की कमान होगी। बैठक में नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगाई है। इससे पहले राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावड़े को प्रर्यवेक्षक तौर पर भेजा गया था।
परिणाम आने के बाद सीएम चुनने चेहरे चुनने को लेकर भाजपा ने तीनों राज्य के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी थी। उन्हें राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सस्पेंस पर विराम लगाने और विधायक दल का नेता चुनने के लिए सभी की सहमति बनाने का जिम्मा दिया गया था। इसके बाद मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में भजन लाल शर्मा की नाम पर मुहर लगी।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह ही मध्यप्रदेश में भी दो डिप्टी सीएम बनाए गए है। बता दें कि दिया कुमारी और प्रेमचंद्र बैरवा को डिप्टी सीएम नियुक्त किया गया है। इसके अलावा वासदैव देवनानी विधानसभा स्पीकर होंगे।
राजस्थान में करणपुर विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान कराए गए थे। इसके परिणाम 3 दिसंबर को आए। राजस्थान विधानसभा चुनाव के सियासी घमासान में कांग्रेस को मात देकर भाजपा ने 115 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस को 69 सीटें ही प्राप्त हुई। इसके अलावा 15 सीटें निर्दलिय के खाते में गईं।