नई दिल्लीः मध्यप्रदेश के सीएम के नाम का सस्पेंस खत्म हो चुका है। बीते एक सप्ताह से लगातार दिल्ली से लेकर भोपाल तक हो रही मंथन पर अब विराम लग गया है। इस बार बीजेपी ने फिर से चौंकाते हुए शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को सीएम की गद्दी […]
नई दिल्लीः मध्यप्रदेश के सीएम के नाम का सस्पेंस खत्म हो चुका है। बीते एक सप्ताह से लगातार दिल्ली से लेकर भोपाल तक हो रही मंथन पर अब विराम लग गया है। इस बार बीजेपी ने फिर से चौंकाते हुए शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को सीएम की गद्दी सौंपने का फैसला किया है। बता दें कि विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति ये उनके नाम का ऐलान किया गया। वहीं लगातार 18 सालों तक सीएम की कुर्सी पर आसीन रहे शिवराज सिंह चौहान को अब दिल्ली बुलाया जा सकता है या कोई बड़ा पद दिया जा सकता है।
चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी आलाकमान से लेकर भोपाल तक कौन होगा सीएम को लेकर सियासी हलचल तेज थी लेकिन अब इस प्रशन पर विराम लग गया है। बता दें कि बीजेपी एमपी में भी राजस्थान और छतीसगढ़ की तरह पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ी थी। वहीं परिणाम आने के बाद सीएम शिवराज, कैलाश विजयवर्गीय से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर तक का नाम सीएम की रेस में था लेकिन बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए मोहन यादव को एमपी की कमान सौंप दी है।
बीजेपी छत्तीसगढ़ वाला फॉर्मूला एमपी में भी लागू कर चुकी है। बता दें कि एमपी में भी दो डिप्टी सीएम होंगे। एमपी में जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला उप मुख्यमंत्री पद की भूमिका निभाएंगे। वहीं केंद्रीय कृषी मंत्री नरेंद्र तोमर एमपी विधानसभा स्पीकर होंगे। बता दें कि छतीसगढ़ में भी विष्णुदेव सिंह के साथ दो डिप्टी सीएम बनाए गए है।