नई दिल्ली: चुनाव की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर सक्रिय हो गए है. मतदाताओं के मानस को प्रभावित करने, सफलताओं का प्रचार करने और समर्थन जुटाने के लिए राजनीतिक दल व्हाट्सएप सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का व्यापक उपयोग कर रहे हैं, और कई राजनीतिक नेता युवा मतदाताओं से जुड़ने के लिए लोकप्रिय […]
नई दिल्ली: चुनाव की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर सक्रिय हो गए है. मतदाताओं के मानस को प्रभावित करने, सफलताओं का प्रचार करने और समर्थन जुटाने के लिए राजनीतिक दल व्हाट्सएप सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का व्यापक उपयोग कर रहे हैं, और कई राजनीतिक नेता युवा मतदाताओं से जुड़ने के लिए लोकप्रिय सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों के यूट्यूब चैनलों पर दिखाई दे रहे हैं.
भाजपा ने व्हाट्सएप के जरिए मतदाताओं से जुड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत रूप से पत्र भेजा, और कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया निर्माताओं और इन्फ्लुएंसरों लोगों से भी मुलाकात की थी. पार्टी ने ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ वेबसाइट लॉन्च की है. वहीं कांग्रेस एक राहुल गांधी व्हाट्सएप ग्रुप चलाती है. इसमें कांग्रेस नेता लोगों से बातचीत करते हैं और सवालों के जवाब देते हैं.
चुनाव विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा है कि कोई भी पार्टी जिसके बैनर तले अधिक व्हाट्सएप ग्रुप हैं, वो तेजी से और बेहतर मतदाताओं से जुड़ सकता है. राजनीतिक वेबसाइटों पर विज्ञापन पर प्रतिबंध के कारण सोशल मीडिया अभियानों में गिरावट आई है. साथ ही यूजर्स की बात करें तो व्हाट्सएप के 50 करोड़ भारतीय यूजर्स हैं और फेसबुक के 36.69 करोड़ भारतीय यूजर्स हैं.
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