नई दिल्ली : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच की तनातनी पर चुटकीले अंदाज में निशाना साधा है. उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी के मुखिया ने आरोप लगाया है की उनको कांग्रेस ने एक साल तक धोखे में रखा . ये सच भी है कांग्रेस पार्टी हमेसा दूसरों के साथ धोखा करती […]
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच की तनातनी पर चुटकीले अंदाज में निशाना साधा है. उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी के मुखिया ने आरोप लगाया है की उनको कांग्रेस ने एक साल तक धोखे में रखा . ये सच भी है कांग्रेस पार्टी हमेसा दूसरों के साथ धोखा करती है. इसी बात से समझा जा सकता है की गठबंधन में कुछ भी सही नहीं चल रहा है. जब यह गठबंधन बना था, तभी हमने कहा था ये बेमेल गठबंधन है. जिसमे ना विचार एक हैं और न ही दिल एक हैं. ये बिलकुल घमंडिया गठबंधन है.
इसके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये गठबंधन सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में बनाया गया है, इस गठबंधन का कोई और मकसद नहीं है, यह बेमेल गठबंधन है जो लोकसभा चुनाव से पहले ही टूटने लगा है.
सीएम शिवराज का अखिलेश पर हमला
शिवराज सिंह चौहान ने कहा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जो कांग्रेस पर आरोप लगाया है की एक साल तक उनको धोखे में रखा गया है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा की इसी से अनुमान लगाया जा सकता है की गठबंधन के बीच क्या – क्या चल रहा है, उन्होंने बताया की मध्यप्रदेश में इंडी गठबंधन की रैली तय थी लेकिन कमलनाथ ने उसको कैंसल करवा दिया। जब से यह इंडी गठबंधन बना है तब से दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुस्ती. ऐसा कहीं होता है क्या ? यह गठबंधन तो 2034 के लिए बना है.
क्यों शिवराज ने कांग्रेस को धोखेबाज कहा
बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की कांग्रेस का काम ही धोखा देना है. कांग्रेस आपस में ही धोखा देती है. आप मध्यप्रदेश में ही देख लीजिए यहाँ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी आमने – सामने लड़ रही हैं, उधर आम आदमी पार्टी भी अपनी बाहें चढ़ा रही है.
टिकट बंटवारे के लिए भी घेरा
शिवराज सिंह ने कहा जब यह विधानसभा चुनाव में ही लड़ रहे हैं तो लोकसभा चुनाव में क्या ही करेंगे, इनके हाथों में देश और प्रदेश का भविष्य कैसा होगा ? खैर जनता इस गठबंधन की सारी गतिविधियों को देख रही है.
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि कल ही कांग्रेस ने एक सूची जारी की है. जिनमें कुछ टिकट कमलनाथ के हैं और कुछ दिग्विजय सिंह के हैं. इसी बीच कुछ लोग हाथ मिलते रह गए, यही वजह है की आपस में ही लड़ाई मची हुई है, कहीं विरोध देखने को मिल रहा है तो कहीं पुतले जल रहे हैं