Election Commission on Social Media: लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को सोशल मीडिया कपंनियों ने नैतिक आचार संहिता तैयार कर सौंपी है, जिसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनाव प्रचार और राजनीतिक अपील से जुड़ी सामग्री पर बेहद जल्दी कार्रवाई के लिए स्पेशल टीमें तैनात की जाएंगी.
नई दिल्ली. सोशल मीडिया कपंनियों ने चुनाव आयोग को अपनी ओर से नैतिक आचार संहिता तैयार कर सौंपी है. चुनाव आयोग की सलाह के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनाव प्रचार और राजनीतिक अपील से जुड़ी सामग्री पर बेहद जल्दी कार्रवाई के लिए स्पेशल टीमें तैनात की जाएंगी. ये टीमें लोकसभा चुनाव 2019 के माहौल में आपत्तिजनक, फर्जी, भड़काऊ कंटेंट की पहचान कर फौरन न केवल हटाएगी बल्कि उस पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगी.
दरअसल फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बढ़ती फेक न्यूजों पर नकेल कसने के लिए चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों से कोड ऑफ एथिक्स यानी नैतिक आचार संहिता तैयार करने के लिए कहा था. आयोग ने इसके लिए 24 घंटे की मोहलत दी थी
चुनाव आयोग की इस सलाह पर सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म प्रतिनिधियों में सहमति बनी कि किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट पर 3 घंटे के भीतर कार्रवाई कर दी जाए. आयोग की इस बात से भी सब सहमत थे कि सोशल मीडिया पर अपलोड होने वाले विज्ञापन चुनाव आयोग की सर्टिफिकेशन एंड मोनिटरिंग कमेटी से मंजूर होंगे. इसके साथ ही पेड न्यूज/फीचर या आइटम पर ज़्यादा पारदर्शिता के साथ इसका उल्लेख रहेगा कि ये पेड यानी विज्ञापन है.
चुनाव आयोग ने कहा कि नैतिक आचार संहिता पर अमल के संकल्प और सहमति के साथ ही ये भी कहा गया है कि भविष्य में ये संहिता और स्थानीय कानून में कभी पेंच फंसे या टकराव हो तो कानून ही काम करेगा. सेल्फ मोरल एथिक्स कोड यानी नैतिक आचार संहिता में अपराध की कोटि और कार्रवाई का भी ज़िक्र है.