Election Commission On Probe Agencies: चुनाव आयोग ने आयकर विभाग और कई जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही छापेमारी पर अपना सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि किसी भी तरह की तलाशी और छापेमारी के दौरान पहले स्थानीय चुनाव अधिकारियों और पुलिस को सूचित किया जाएगा, जिसके बाद ही जांच एजेंसियां और आयकर विभाग किसी भी मामले में कोई कदम उठाएगी.
नई दिल्ली: रविवार को मध्यप्रदेश में हुई छापेमारी के बाद चुनाव आयोग ने आयकर विभाग और कई जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही छापेमारी पर अपना सख्त रुख दिखाया है. चुनाव आयोग ने इस मामले में राजस्व सचिव और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष को तलब किया और साथ ही ये चेताया कि एजेंसियों की कार्रवाई बिना किसी भेदभाव, निष्पक्ष और आचार संहिता के नियमों के अनुरूप ही होनी चाहिए. साथ ही चुनाव आयोग की तरफ से आ रही खबरों को माने तो आधी रात मध्यप्रदेश में हुई छापेमारी के बारे में उनको जानकारी नही थी.
साथ ही न सिर्फ आयोग बल्कि प्रदेश के निर्वाचन अधिकारी को भी इस बात की कोई जानकारी नहीं थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने देश की सभी जांच एजेंसियों को ये निर्देश देते हुए कहा ति कहा कि चुनाव आचार सहिंता लागू है ऐसे में भ्रस्टाचार से सम्बंधित किसी भी रेड की जानकारी वो चुनाव आयोग या राज्य के निर्वाचन अधिकारी से साझा करें. उसके बाद ही कोई कदन उठाए.
दरअसल, बात ये है कि आयकर विभाग और जांच एजेंसियां पिछले दो दिन से लगातार छापेमारी कर रही है. इस छापेमारी के दौरान मध्य प्रदेश में अब तक करीबन 281 करोड़ की नकदी और भार संपत्ति बरामद की जा चुकी है. वहीं इससे पहले कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भी काफी बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई थी, जिसके दौरान भी भारी नकदी और संपत्ति बरामद की गई थी.
वहीं इस पूरे मामले में सीबीडीटी चेयरमैन पीसी मोदी और राजस्व सचिव एबी पांडे को मुख्य चुनाव आयुक्त ने छापों पर जवाबदेही तय करने को कहा है. वहीं इन छापेमारी को लेकर देश के नेताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग भी अपनी परेशानी दर्ज कर रहा है. चुनावों के वक्त इस तरह की छापेमारी के लिए चुनाव आयोग ने ये सख्त कदन उठाया गया है.
वहीं सामने आ रही जानकारी के मुताबिक बैठक में आयोग ने साफ किया कि किसी भी तलाशी और छापेमारी के दौरान स्थानीय चुनाव अधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा, जिसके बाद ही जांच एजेंसियां और आयकर विभाग मामले में कोई कदम उठाएगी. बता दें कि इससे पहले भी रविवार को आयोग ने बाकायदा एडवाइजरी जारी कर इन एजेंसियों को निष्पक्ष कार्रवाई करने की हिदायत दी थी.