आज के समय में सोशल मीडिया अपनी पहुंच के बढ़ते दायरे के साथ-साथ हर दिन ताकतवर होता जा रहा है. फेसबुक सोशल मीडिया के सबसे पॉवरफुल माध्यमों में से एक है. भारत में अब इलेक्शन से 48 घंटे पहले आपको फेसबुक पर किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापन या फिर प्रचार सामग्री नहीं दिखेगी. चुनाव आयोग ने फेसबुक को मतदान से 48 घंटे पहले राजनीतिक विज्ञापन हटाने के लिए कहा है.
नई दिल्लीः अब आपको चुनाव से 48 घंटे पहले सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापन या फिर प्रचार सामग्री देखने को नहीं मिलेगी. चुनाव आयोग ने फेसबुक से देश में इलेक्शन से 48 घंटे पहले राजनीतिक विज्ञापन हटाने के लिए कहा है. चुनाव आयोग के इस फरमान पर फेसबुक ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. फेसबुक अभी इस पर विचार कर रहा है.
कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में फेसबुक का नाम सामने आने के बाद इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर कई देशों में सख्ती बढ़ती जा रही है. चुनावों को प्रभावित करने में फेसबुक की भूमिका पर अब भारतीय निर्वाचन आयोग भी सख्त हो गया है. आयोग ने फेसबुक से कहा है कि वह मतदान के 48 घंटे पहले पॉलिटिकल एड और इससे जुड़े किसी भी तरह के कंटेंट को ब्लॉक करने पर विचार करे.
इस मामले में चुनाव आयोग ने एक कमेटी का गठन किया था. बीते 4 जून को कमेटी ने फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग बुलाई थी. मीटिंग में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम- 1951 की धारा 126 का जिक्र किया गया. फेसबुक की ओर से शामिल हुए लोगों ने इस बात पर सहमति जताई कि वह अपने पेज पर एक विंडो या बटन उपलब्ध कराने पर विचार करेंगे. इसके जरिए चुनावी कानून का उल्लंघन होने पर शिकायत की जा सकेगी.
बता दें कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-126 वोटिंग से 48 घंटे पहले किसी भी तरह के चुनाव प्रचार को प्रतिबंधित करती है. इसका मकसद होता है कि वोटर को वोटिंग से पहले निर्णय लेने के लिए समय मिल सके. फेसबुक प्रतिनिधि ने मीटिंग में इस बात पर भी सहमति जताई कि फेसबुक यूजर्स द्वारा पोस्ट की जाने वाली सामग्री की समीक्षा करने वालों की संख्या चुनाव के समय में मौजूदा 7,500 से बढ़ाकर ज्यादा भी की जा सकती है.
फेसबुक प्रतिनिधियों ने मीटिंग में यह भी कहा कि किसी भी सामग्री की शिकायत पाए जाने पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इसकी समीक्षा की जाएगी और उल्लंघन की दिशा में इसे फेसबुक से हटा दिया जाएगा. साथ ही अगर चुनाव आयोग इस तरह के मामलों में शिकायत करता है तो उस पर तेजी से फैसला किया जाएगा और तत्काल संबंधित कार्रवाई की जाएगी.
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