नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय मख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी चयन मामले में चीफ जस्टिस को शामिल नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज यानी 15 मार्च को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ गैर सरकारी संगठन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर सुनवाई करेगी।
एडीआर ने याचिका में चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम 2023 की धारा सात की वैधता को चुनौती दी है। इसके अमल पर रोक लगाने की मांग की है। इस धारा के तहत मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति बाहर रखा गया है। संविधान पीठ में चीफ जस्टिस चंद्गचूड़ के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल है।
यह सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को गुरुवार यानी 14 मार्च को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। उन्हें पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति ने चुना। 14 फरवरी को अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद दो रिक्तियां हो गई थीं। नए कानून के अनुसार चयन समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और विपक्ष के नेता एवं प्रधानमंत्री की ओर से नामित एक केंद्रीय मंत्री इसके सदस्य होते हैं।
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