September 8, 2024
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Election Commission: चुनाव आयोग ले सकता है नेतायों के गलत बयान पर एक्शन

  • WRITTEN BY: Shiwani Mishra
  • LAST UPDATED : November 29, 2023, 8:00 pm IST

नई दिल्ली: भारत में हर साल कहीं ना कहीं चुनाव होता ही रहते है। ऐसे में चुनावों के दौरान नेताओं(Election Commission) के विकृत बोल भी काफी सुनाई देते हैं। बता दें कि हाल ही में देश के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में वोटिंग पूरी हुई। इन राज्यो में भी चुनावों के दौरान कई उल्टे सीधे बयान दिए गए। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर एक टिप्पणी की थी, जिस पर उन्हें चुनाव आयोग की ओर से कारण बताओ नोटिस भी मिला था।

चुनाव आयोग कर सकता है निरस्त

गौरतलब है कि बीते साल ही चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर कोई राजनीतिक(Election Commission) दल या उसके सदस्य की ओर से धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा जैसे मुद्दों पर कोई ऐसा बयान दिया जाता है जो अकसर दो पक्षों के बीच शत्रुता को बढ़ाता है तो वह इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकता। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि वो इस आधार पर किसी भी राजनीतिक दल की मान्यता वापस ले सकते हैं या उसे निरस्त कर सकते हैं।

क्या किया संशोधन ?

बता दें कि चुनाव आयोग संशोधन करते हुए कहा है कि अब चुनाव के दौरान अगर कोई उम्मीदवार या उसका एजेंट किसी भी भाषण के दौरान धर्म, जाति, जन्म स्थान,भाषा, निवास जैसे मुद्दों पर ऐसा कोई बयान देता है जिससे दो पक्षों के बीच शत्रुता बढ़ती है तो वह इस पर सख्ती से कार्रवाई कर सकता है।

आईपीसी हो सकती हैं लागू

जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग आईपीसी की कुछ धाराओं की मदद से भी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। जैसे कि धारा 153ए, इसके अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति धर्म, जाति, निवास, जन्म स्थान, भाषा, आदि के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देता है तो उस पर कार्रवाई हो सकती है। वहीं 153बी , 295ए , 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दिए गए भाषण) और 505 (शरारती बयान देना)।

 

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