नई दिल्ली : अखिलेश यादव के लोगों ने काम करना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने फिलहाल ‘खामोश’ रहने का फैसला किया है. इसलिए उनकी लड़ाई इशारों पर ही आधारित है. लेकिन उनकी टीम के सदस्यों ने ‘हल्ला बोल’ का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की संघर्ष विराम की अपील […]
नई दिल्ली : अखिलेश यादव के लोगों ने काम करना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने फिलहाल ‘खामोश’ रहने का फैसला किया है. इसलिए उनकी लड़ाई इशारों पर ही आधारित है. लेकिन उनकी टीम के सदस्यों ने ‘हल्ला बोल’ का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की संघर्ष विराम की अपील के बावजूद समाजवादी अब मोर्चे से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. अखिलेश यादव के करीबी लोगों ने अब सीधे गांधी-नेहरू परिवार पर हमला करने का फैसला किया है. फार्मूला ऐसा है कि चोट वहां लगनी चाहिए जहां दर्द सबसे ज्यादा हो। इसीलिए अखिलेश यादव के करीबी लोगों ने चुनाव election में एक रणनीति के तहत कांग्रेस पर हमला तेज कर दिए है.
अंग्रेजी में एक बहुत पुरानी कहावत है. ऑफेंस इज द बेस्ट डिफेंस. इसका मतलब यह है कि हमला खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है। इसी कहावत पर अब अखिलेश यादव अमल कर रहे हैं. उसी राह पर चलते हुए कांग्रेस ने एमपी में समाजवादी पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी. सीट बंटवारे को लेकर कमलनाथ ने अखिलेश यादव से बात की. फिर अचानक उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव (election) के लिए है. अखिलेश यादव को ऐसा झटका लगा कि समाजवादी पार्टी अभी तक इसका सदमा महसूस कर रही है.
पहली प्लान कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर है. अगर समझौता हो भी गया तो समाजवादी पार्टी 65 सीटों से कम पर तैयार नहीं होगी. इसका मतलब यह है कि कांग्रेस के लिए केवल 15 लोकसभा सीटें ही बचेंगी। अखिलेश यादव चाहते हैं कि यूपी में हर मोर्चे पर इंडिया अलायंस का नेतृत्व उनके पास रहे. क्या पता कांग्रेस एमपी का खेल यूपी में भी खेलने की तैयारी में हो.इस बार टीम अखिलेश किसी गलती करने के मूड में नहीं है. दूसरे प्लान में कांग्रेस से गठबंधन न होने की स्थिति में अकेले चुनाव (election) लड़ने की तैयारी है. ऐसी स्थिति भी है कि सीट बंटवारे पर कांग्रेस से बात नहीं बन पा रही है. ऐसे में समाजवादी पार्टी की तैयारी अलग है. अखिलेश यादव जानते हैं कि कांग्रेस के कुछ नेता मायावती के साथ गठबंधन की फिराक में हैं.
कांग्रेस के साथ गठबंधन कर कम से कम 65 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर अखिलेश यादव ने अपनी टीम को एक मंत्र दिया है. अब उनके करीबी लोग भी इस मंत्र का जाप करने लगे हैं. पार्टी प्रवक्ता राजीव राय का कहना है कि कांग्रेस यूपी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है. वह लगातार हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ अपकृष्ट बयान दे रही हैं.उसे आज़मगढ़ तो याद है लेकिन कांग्रेस भूल जाती है कि अगर हमने साथ नहीं दिया तो रायबरेली और अमेठी में खाता खोलना मुश्किल हो जाएगा.
पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता आईपी सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कौन हैं? 2019 में हिंदी बेल्ट की 250 सीटों में से कांग्रेस को 5 सीटें मिली थीं. एक सीरियल में काम करने वाली महिला ने अमेठी से बाहर निकाल दिया गया और अब कांग्रेस समाजवादियों से लड़ रही है. उन्होंने इसे सोशल मीडिया साइट एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया। आईपी सिंह ने आगे लिखा है कि हम लोकसभा चुनाव में 80 की 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रियंका गांधी के इशारे पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय हमारे नेता अखिलेश यादव के खिलाफ अमर्यादित बातें कर रहे हैं. उनके मुताबिक, इसलिए अब तय किया गया है कि हमें कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी निशाना बनाना चाहिए.
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