नई दिल्ली। मौसम विभाग के अनुसार भारतीय मानसून पर इस साल अल नीनो प्रभाव देखने को मिलेगा. अल नीनो प्रभाव के कारण देश में लोगों को जुलाई माह में भी तेज गर्मी और तपिश का एहसास होगा. कई वेदर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये सिस्टम मानसून के दूसरे भाग यानी जुलाई में सक्रिय होगा. […]
नई दिल्ली। मौसम विभाग के अनुसार भारतीय मानसून पर इस साल अल नीनो प्रभाव देखने को मिलेगा. अल नीनो प्रभाव के कारण देश में लोगों को जुलाई माह में भी तेज गर्मी और तपिश का एहसास होगा. कई वेदर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये सिस्टम मानसून के दूसरे भाग यानी जुलाई में सक्रिय होगा.
भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि इस बार सामान्य मानसूनी बारिश होगी. लेकिन अब लग रहा है कि अल नीनो प्रभाव सारा समीकरण बिगाड़ सकता है. अगर आईएमडी की माने तो जून से सितंबर के बीच अल नीनो प्रभाव के चलते सामान्य से बहुत कम बारिश होगी. वैज्ञानिकों द्वारा कम बारिश होने की संभावना 90 फीसदी जताई जा रही है.
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इस बार अल नीनो भारतीय मानसून को बहुत ज्यादा प्रभावित करेगा. इसकी वजह से जुलाई और उसके बाद के महीनों में सामान्य से बहुत कम बारिश होगी. मानसून पर नकारात्मक प्रभाव के साथ ही एक काउंटर सिस्टम विकसित हो रहा है. इसको इंडियन ओशन डिपोल यानी आईओडी के रूप में जाना जाता है. इस सिस्टम को मानसून के विकास के लिए अच्छा माना जाता है. ऐसे में दोनों सिस्टम का प्रभाव बराबर हो सकता है, जिसके कारण मानसून भी सामान्य बर्ताव कर सकता है.
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