देश के मुस्लिमों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार ईद-उल-फितर कल यानी कि 22 अप्रैल को मनाया जाएगा। इसका फैसला शिया चंद कमेटी ने सुनाया है। कमेटी ने कहा कि शुक्रवार को ईद का चांद दिखा। बता दें कि ईद-उल-फितर रमजान के महीने के आखिरी दिन आती है। ईद उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है।
यह इस्लामिक कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय रमजान के आखिरी दिन ईद मनाते हैं। इसमें गरीबों को खाना खिलाना और जकात देना (दान देना) शामिल है। इस दिन लोग नए और खुशबूदार कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं। रोजा और इबादत का महीना ईद के त्योहार के साथ खत्म होता है।
➨ईद उल फितर भाईचारे का प्रतीक
हम आपको बता दें कि यह मुस्लिम त्योहार आपसी भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग सुख, शांति और बरकत की कामना करते हैं। ईद का यह त्योहार पूरी दुनिया में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ईद की तारीख हिजरी कैलेंडर के कारण साल-दर-साल बदलती रहती है। यह कैलेंडर चांद पर आधारित है। इसमें दिनों की गिनती चांद की घटती-बढ़ती चाल के मुताबिक की जाती है।
➨जानिए इस दिन क्या किया जाता है
दुनिया भर के मुसलमान इस त्योहार को उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और सबसे पहले नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जाते हैं। घरों में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इसमें बिरयानी, कबाब और मीठी सेवई का खास महत्व है। इसके साथ ही घर के बड़े सदस्य छोटों को तोहफे और पैसे भी देते हैं, जिन्हें ईदी का नाम दिया जाता है।
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