नई दिल्ली. Bipin rawat demise सीडीएस बिपिन रावत की मृत्यु की खबर जैसे ही उनके परिजनों तक पहुंची तो सभी गम में डूब गए. पीएचडी के दौरान उनके गुरु रहे प्रोफेसर हरबीर शर्मा को जैसे ही उनके मृत्यु की खबर मिली तो उनकी आँखे नम हो गई. दरससल बिपिन रावत ने साल 2011 में मेरठ कॉलेज से मिलिट्री-मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज में पीएचडी की थी.
मेरठ के सिविल लाइन के मानसरोवर में रहने वाले प्रोफेसर हरबीर शर्मा ने बताया कि बिपिन रावत एक सरल और सौम्य वक्तित्व के इंसान थे. उस समय बिपिन रावत मेजर जनरल के पद पर थे और अपनी पीएचडी कर रहे थे. लोगों के प्रति उनका व्यवहार और आचरण बहुत अच्छा था. उनके गुरु बताते है कि बिपिन रावत ने पीएचडी सम्पूर्ण करने पर अपना मैडल उन्हें भेंट किया था. प्रोफेसर हरबीर शर्मा के सुपरविजन में सेना के कई बड़े अफसरों ने अपनी पीएचडी पूर्ण की हैं. प्रोफेसर शर्मा को चाइना से जुड़े मामलों में एक्सपर्ट माना जाता है.
बिपिन रावत के गुरु बताते है कि वो हमेशा लोगों का सम्मान करते थे. जैसे ही बिपिन रावत सेना के सीओएएस से CDS पद पर नियुक्त हुए, तो उन्होंने अपने गुरु को एक पत्र भेजा था जिसमें उन्होंने अपने आप को भाग्यशाली बताया और अपने गुरु का धन्यवाद किया। बिपिन रावत के हेलीकाप्टर क्रैश की खबर जैसे ही प्रो शर्मा ने अपने घर पर बताई तो सभी उनके लिए प्रार्थना और उनकी कुशलता की कामना करने लगे. प्रोफेसर शर्मा ने उन्हें अपना प्यारा स्टूडेंट और उनकी मृत्यु को देश के लिए बड़ी क्षति बताया ।
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