नई दिल्ली, शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत चीनी कंपनी शाओमी की भारतीय इकाई की 5,551.27 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. चीनी कंपनी शाओमी भारत में मोबाइल सेट और प्रोडक्ट्स निर्माताओं से खरीदता है. गौरतलब है, और शाओमी इंडिया ने तीन विदेशी कंपनियों को पैसे ट्रांसफर […]
नई दिल्ली, शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत चीनी कंपनी शाओमी की भारतीय इकाई की 5,551.27 करोड़ की संपत्ति जब्त की है.
चीनी कंपनी शाओमी भारत में मोबाइल सेट और प्रोडक्ट्स निर्माताओं से खरीदता है. गौरतलब है, और शाओमी इंडिया ने तीन विदेशी कंपनियों को पैसे ट्रांसफर किए हैं, जिनसे वो किसी भी तरह की कोई सर्विस नहीं लेता है.
बता दें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 के प्रावधानों के तहत शाओमी के चार बैंक अकाउंट से पैसा जब्त किया गया है.
खबरों के मुताबिक, शाओमी कंपनी पहले ही चीन में अपने समूह की कंपनियों को पैसे का एक बड़ा हिस्सा भेज चुकी है. और बाकी बची हुई राशि एचएसबीसी, सिटी बैंक, आईडीबीआई और ड्यूश बैंक में पड़ी थी. और रॉल्टी राशि उसके चीनी मूल ग्रुप के निर्देश के आधार पर भेजी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक निश्चित राशि दो और असंबंधित यूएस-आधारित संस्थाओं को भी भेजी गई है.
गौरतलब है, कंपनी 2014 से भारत में काम कर रही है और समझौते के अनुसार यह कंपनी भारत में निर्माताओं से पूरी तरह से निर्मित हैंडसेट खरीदती है.
बता दें शाओमी इंडिया ने इन अनुबंध निर्माताओं को कोई तकनीकी इनपुट या सॉफ्टवेयर से संबंधित मदद नहीं की है. इसमें दिलचस्प बात तो ये है कि शाओमी इंडिया ने उन तीन विदेशी आधारित संस्थाओं को पैसे ट्रांसफर किए हैं, जिनसे उन्होंने किसी भी प्रकार की सेवा का लाभ नहीं उठाया है. ऐसे में, ईडी का कहना है कि कंपनी ने कथित तौर पर विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को बहुत गलत और भ्रामक जानकारी दी थी.
ईडी के इस एक्शन पर अब शाओमी की ओर से बयान जारी किया गया है. कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि, उन्होंने सरकारी अधिकारियों के आदेश का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और वो ये मानते हैं कि उनके रॉयल्टी भुगतान और बैंक को दिए गए विवरण सभी वैध और पूर्ण सत्य हैं. शाओमी इंडिया द्वारा किए गए ये रॉयल्टी भुगतान इन-लाइसेंस प्राप्त तकनीकों और उनके भारतीय संस्करण उत्पादों में इस्तेमाल किए जाने वाले आईपी के लिए थे. शाओमी इंडिया के लिए इस तरह की रॉयल्टी का भुगतान करना एक वैध वाणिज्यिक व्यवस्था है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि, वे किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर उनका जवाब देने और काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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