ED Raid On Riverfront Scam: सपा सरकार के शासन काल में इस रिवरफ्रंट को विकसित किया गया था जिसकी जांच ईडी कर रही है. ईडी के इस कार्रवाई से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सियासी पारा और चढ़ सकता है.
लखनऊ: गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले को लेकर ईडी(एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट) ने लखनऊ सहित चार राज्यों (हरियाणा,राजस्थान,दिल्ली) में रेड मारी है. यमुना रिवर फ्रंट पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सरकार में बनकर तैयार हुआ था. खबरों की मानें तो रिवर फ्रंट के लिए लगभग 8 सौ करोड़ रूपए का बजट जारी किया गया था. इस केस से जुड़े लोगों के खिलाफ ईडी नोएडा में सर्च अभियान चला रही है. यमुना रिपरफ्रंट में हुए अनियमितता को लेकर ईडी ने चीफ इंजीनियर गोलेश चंद्र,इंजीनियर शिवमंगल यादव और कमलेश्वर सिंह सहित कई आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था इसके अलावा सीबीआई ने आरोपियों से मामले में जुड़े कई दस्तावेज भी बरामद कर चुकी है.
अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में बने इस रिवरफ्रंट में हुए अनियमितता का खुलासा जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मे किया था. 2017 में बनी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आलोक सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने 16 मई 2017 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपी थी. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि रिवरफ्रंट विकसित करने के लिए सरकार ने लगभग 1 हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था. लेकिन बजट का पूरा पैसा खत्म होने के बावजूद भी सिर्फ 60 ही काम हुआ.
रिपोर्ट्स की माने तो सपा सरकार के दौरान ही रिवरफ्रंट में हो रही अनियमितता की शिकायत की गई थी, लेकिन पूर्व सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. ईडी की इस छापेमारी से पूर्व सीएम अखिलेश यादव की भी मुश्किलें बढ़ सकती है. योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद ही इस घोटाले की जांच के आदेश दिए गए थे. यूपी पुलिस ने पहले ही इस मामलें में केस दर्ज कर लिया था और बाद में मामला सीबीआई को सौप दिया गया था.
क्या अखिलेश के राज में UP में घोटालों के अलावा कुछ नहीं हुआ ?