पटना/नई दिल्ली। बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को जमीन के बदले नौकरी घोटाला केस में उनसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की। बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव और राबड़ी देवी से जुड़े इस मामले पर ईडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया है।
ईडी ने खुलासा किया कि पुलिस हिरासत में एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने एक कैंडिडेट से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दी थी। केंद्रीय एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक कोर्ट के सामने एक आरोप-पत्र दायर किया था जिसमें कुछ अन्य लोगों के अलावा लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों राबड़ी देवी तथा उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव का आरोपी के तौर पर नाम दर्ज किया था।
आरोप-पत्र में ईडी ने लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के कथित ‘करीबी सहयोगी’ 49 वर्षीय अमित कात्याल, घोटाले के कथित लाभार्थी और पूर्व ‘गौशाला’ कर्मचारी हृदयानंद चौधरी तथा दो कंपनी – ए के इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड तथा ए बी एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड – को उनके साझा निदेशक शारीकुल बारी के जरिए नामजद किया गया था।
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