नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र की आज शुरूआत हो गई। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया। इस सर्वे में अनुमान जताया गया है कि साल 2022-23 में आर्थिक विकास दर 6 से 6.8 प्रतिशत रह सकती है। इसके साथ ही सर्वे में ये भी बताया गया कि कोरोना संकटकाल में नुकसान की भरपाई हो गई है। कृषि पर कोरोना का न्यूनतम असर देखा गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि कोरोना की वजह से दो साल मुश्किल भरे रहे। कोरोना के साथ ही महंगाई ने भी नीतियों पर असर डाला है। सर्विस सेक्टर पर कोरोना का सबसे ज्यादा असर देखा गया है।
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि एमएसएमई सेक्टर को दिए जाने वाले कर्ज में काफी उछाल देखने को मिला है। जनवरी से नवंबर 2022 के दौरान एमएसएमई सेक्टर को 30.5 फीसदी ज्यादा कर्ज दिया गया है।
गौरतलब है कि बीते वर्ष 2021-2022 में जब आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश किया गया था तब 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर का अनुमान 8 से 8.5 रहने का अनुमान जताया गया था। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध और वैश्विक आर्थिक संकट की वजह आर्थिक विकास दर बीते वर्ष में जताए गए अनुमान से कम रह सकती है।
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