EC on NAMO TV: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नमो टीवी के लोगो और कंटेंट को दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने हरी झंडी दे दी है. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने चुनाव आयोग को इस बारे में रिपोर्ट भेज दी है. अब इस रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग तय करेगा कि नमो टीवी आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं और इसे बैन किया जाना चाहिए या नहीं.
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नमो (NAMO) टीवी चैनल पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने हरी झंडी दे दी है. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि नमो टीवी में जो कंटेंट अप्रूव होने आए थे वो पुराने भाषणों के थे, ऐसे में उन्हें चलाने के लिए आयोग की अनुमति की जरूरत नहीं है. साथ ही बीजेपी ने स्पष्टीकरण दिया है कि नमो टीवी का लोगो नमो एप का हिस्सा है, इसलिए निर्वाचन अधिकारी ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले पर चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है. अब रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ही तय करेगा कि नमो टीवी का भविष्य क्या होगा.
इससे पहले कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग में नमो टीवी पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि कोई भी पार्टी या राजनेता आचार संहिता के दौरान अपना चैनल नहीं चला सकता है. साथ ही बताया गया कि नमो टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और बीजेपी की रैलियां दिखाई जा रही हैं, यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.
इसके बाद दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले पर रिपोर्ट तैयार कर चुनाव आयोग को भेज दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नमो टीवी का लोगो नमो एप का ही हिस्सा है इसलिए इस पर चुनाव आयोग को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. साथ ही नमो टीवी में जो कंटेंट अप्रूव होने आए थे वो पुराने भाषण थे. ये भाषण पहले ही ऑन एयर हो चुके हैं इसलिए इसमें चुनाव आयोग की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी. हालांकि बीजेपी ने इनके लिए भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अनुमति मांगी है. अब रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग तय करेगा कि क्या नमो टीवी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं.
गौरतलब है कि बुधवार को चुनाव आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक की रिलीज पर लोकसभा चुनाव तक रोक लगा दी थी. चुनाव आयोग ने सख्त हिदायत दी कि चुनाव के दौरान कोई भी ऐसी फिल्म या कंटेंट रिलीज नहीं किया जाएगा जिसमें किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति के समर्थन में बात दिखाई गई है और जमीनी स्तर पर वोटर्स पर इसका प्रभाव पड़े. इसके साथ ही आयोग ने आंध्र प्रदेश के पूर्व एनटी रामाराव के जीवन पर आधारित लक्ष्मी एनटीआर और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बायोपिक उद्यम सिंहम की रिलीज पर भी चुनाव तक रोक लगा दी है.