जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के मुख्य कार्यकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि करीब 11 लाख व्यवसायों और ट्रांसपोटरों ने ई-वे बिल प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराया है.
नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत शुरू की गई ई-वे बिल प्रणाली रविवार से देशभर में लागू हो गई है. फिलहाल ई-वे बिल प्रणाली को 50,000 रुपये से अधिक के सामान को सड़क, रेल, वायु या जलमार्ग से एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर लागू किया गया है. वित्त सचिव हसमुख अधिया ने घोषणा की कि अगले दो हफ्तों में इसे राज्यों के भीतर भी माल की ढुलाई के लिए लागू कर दिया जाएगा. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के मुख्य कार्यकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि करीब 11 लाख व्यवसायों और ट्रांसपोटरों ने ई-वे बिल प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराया है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में शनिवार को कहा था, “इसमें केवल एक ई-वे बिल की जरूरत होगी और अगर माल ढुलाई में एक से अधिक कंपनियां शामिल होंगी तो “ऐसे मामलों में ट्रांसपोर्टर ए ई-वे बिल को ट्रांसपोर्टर बी को देगा, जो अपने वाहन की जानकारी भरकर माल की ढुलाई करेंगे।” मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि “ई-वे बिल की वैधता अवधि पहली बार ई-वे बिल की जानकारी भरते समय की ही रहेगी।”
पहले जीएसटी परिषद द्वारा जीएसटी नेटवर्क में शुरुआती तकनीकी खामियों के कारण ई-वे बिल बनाने में व्यापारियों द्वारा सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए अंतर्राज्यीय ढुलाई और राज्य के भीतर ढुलाई दोनों के लिए ई-वे बिल तैयार करने के लिए परीक्षण चरण का विस्तार करने का फैसला किया गया था. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह ने फरवरी में हुई अपनी बैठक में अंतरराज्यीय माल ढुलाई के लिए ई-वे बिल प्रणाली के अनिवार्य क्रियान्वयन की तारीख 1 अप्रैल रखने की सिफारिश की थी.
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