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DY Chandrachud: चिल्लाइए मत… जब भरी कोर्ट में वकील पर भड़के सीजेआई चंद्रचूड़

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानी 18 मार्च को माहौल खासा टेंशन भरा रहा। कॉन्स्टिट्यूशन बेंच एसबीआई द्वारा पेश इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुनवाई चल रही थी। मामला एसबीआई के अधूरे आंकड़ों का भी था। इसी दौरान वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बीच बहस होने लगी। दरअसल एडवोकेट नेदुम्पारा मामले […]

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DY Chandrachud: चिल्लाइए मत... जब भरी कोर्ट में वकील पर भड़के सीजेआई चंद्रचूड़
  • March 18, 2024 9:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानी 18 मार्च को माहौल खासा टेंशन भरा रहा। कॉन्स्टिट्यूशन बेंच एसबीआई द्वारा पेश इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुनवाई चल रही थी। मामला एसबीआई के अधूरे आंकड़ों का भी था। इसी दौरान वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बीच बहस होने लगी। दरअसल एडवोकेट नेदुम्पारा मामले में दखल देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला बिल्कुल न्यायसंगत मु्द्दा नहीं था। उन्होंने कहा कि वह पॉलिसी मैटर नहीं था और कोर्ट के लिए नहीं था। इतना ही नहीं अदालत ने एडवोकेट को पूर्व में उनके द्वारा किए गए कोर्ट के कंटेम्पट की भी याद दिलाई।

मानने को तैयार नहीं

जब वह बोल रहे थे तो चीफ जस्टिस उन्हें रुकने और बात करने के लिए कह रहे थे लेकिन एडवोकेट नेदुम्पारा मानने को तैयार नही थे और बोलते जा रहे थे। वह कह रहे थे कि मैं इस देश का नागरिक हूं। इसी दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मेरे ऊपर मत चिल्लाइए। इस पर नेदुम्पारा रक्षात्मक हो गए और कहने लगे नहीं – नहीं मैं बहुत विनम्र हूं। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह हाइड पार्क कॉर्नर मीटिंग नहीं है। आप अदालत में हैं। हम आपको नहीं सुन रहे हैं। अगर आप एप्लीकेशन देना चाहते है तो ईमेल कीजिए। यही इस कोर्ट का नियम है।

जस्टिस गवई को भी देना पड़ा दखल

इसके बाद भी एडवोकेट नेदुम्पारा बोलते रहे तो जस्टिस बीआर गवई ने दखल दिया। उन्होंने कहा कि आप न्यायिक प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं। इसके बाद भी एडवोकेट रुके नहीं। जिसके बाद बेंच ने कहा कि बहुत हुआ। हम आपको नहीं सुनेंगे जब तक की आप तय प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं। अदालत ने सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतागी और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अदीश अग्रवाल के तर्क सुनने के बाद भी इनकार कर दिया। वह भी सुनवाई के दौरान हस्तक्षेप करना चाहते थे। बता दें कि 2019 में एडवोकेट नेदुम्पारा को कंटेम्पट ऑफ कोर्ट का दोषी भी ठहराया जा चुका है।

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