नई दिल्ली। 9 नवंबर को इस देश के नए चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के 6,844 मामलों का निपटारा कर दिया है। बता दें , इस दौरान दर्ज किए गए केस की तुलना में लगभग एक हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया […]
नई दिल्ली। 9 नवंबर को इस देश के नए चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के 6,844 मामलों का निपटारा कर दिया है। बता दें , इस दौरान दर्ज किए गए केस की तुलना में लगभग एक हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया है और अगर बात करे हर रोज़ के मामलों की तो इनके नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने हर दिन 236 मामलों का फैसला किया है।
जानकारी के मुताबिक , सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की ओर से सोमवार यानी 19 दिसंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार बताया गया कि 29 कार्य दिवसों में निपटाए गए कुल 6,844 मामलों में से 2,511 मामले जमानत और ट्रांसफर याचिकाओं से संबंधित मामले थे। जिनमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पारिवारिक विवाद के मामले भी शामिल थे। जब डीवाई चंद्रचूड़ नए CJI बनके आए तो उन्होंने 9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच 300 से ज्यादा मामलों को निपटाए थे।
नए CJI डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत ने औसतन हर रोज 236 मामलों का फैसला किया और तेज़ी से अपना काम किया। बता दें , इनमें से 90 ऐसे मामले थे जो कि जमानत और ट्रांसफर याचिका के थे। CJI के रूप में अपनी योजनाओं के बारे बात करते हुए, जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में पीठ हर एक दिन 10 जमानत मामलों और 10 ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी और उन पर फैसला सुनाएगी।
ट्रांसफर याचिका के ज़्यादातर मामलों में वैवाहिक विवाद शामिल होते हैं, जहां पर पति-पत्नी में से एक मामले को दूसरी जगह ट्रांसफर करने की मांग कोर्ट से करता है। गौरतलब है कि , संविधान के साथ-साथ सिविल और आपराधिक प्रक्रिया कोड्स के तहत, केवल सुप्रीम कोर्ट के पास मामलों को एक अदालत से दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की शक्ति है और ये शक्ति किसी और न्यायालय के पास नहीं है।
बता दें , CJI चंद्रचूड़ ने 17 नवंबर को अपने कोर्ट हॉल में मौजूद वकीलों को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा था कि उन मामलों को प्रमुखता देने के लिए फैसला लिया गया है, जहां याचिकाकर्ता जेलों के अंदर हैं। उन्होंने आगे कहा था कि 10 ट्रांसफर याचिकाओं के बाद सभी बेंच हर दिन 10 जमानत मामलों की सुनवाई करेंगी और उन मामलों का निपटारा करेगी। ये एक व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामले हैं और हम उन्हें प्राथमिकता देंगे और इन पर काम करेंगे। अंत में CJI ने कहा कि इन 20 मामलों की सुनवाई के बाद सभी अदालतें अपने नियमित बोर्ड को शुरू करेंगी।
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