नई दिल्ली। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेने वाली हैं। द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। और इसी के साथ ये सिर्फ दूसरी महिला होगीं जिनको देश का सर्वोच्च पद मिलने जा रहा है। बहुत कम लोगों को पता होगा की मुर्मू के […]
नई दिल्ली। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेने वाली हैं। द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। और इसी के साथ ये सिर्फ दूसरी महिला होगीं जिनको देश का सर्वोच्च पद मिलने जा रहा है। बहुत कम लोगों को पता होगा की मुर्मू के अंदर बचपन के दिनों से ही लोगों को लीड करने की क्वालिटी थी। वो अपने छात्र जीवन में भी क्लास की मॉनीटर थी और अब वो पूरे भारत की प्रमुख बनने वाली हैं।
ओडिशा का पहाड़पुर गांव में एक एंट्री गेट बना हुआ है। गेट के दोनो तरफ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत में बड़ी-बड़ी तस्वीर लगी है। जिसपर लिखा है पहाड़पुर गांव में आपका स्वागत है। इस गेट से करीब 2.5 किलोमीटर अंदर दाखिल होने पर एक स्कूल है, जिसका नाम श्याम, लक्ष्मण, शिपुन उच्च प्राथमिक आवासीय विद्यालय है। पहले यहां पर एक घर हुआ करता था। इसी कर घर में 42 साल पहले देश की होने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दुल्हन बनकर आईं थीं।
मुर्मू बचपन से ही दृढ़ और सच के साथ मजबूती से खड़ी रहने वाली महिला रही हैं। द्रौपदी बचपन में पढ़ाने वाले बासुदेव बेहरा कहते हैं, कि ‘वो क्लास की टॉपर थीं। कक्षा में सबसे ज्यादा नंबर उन्हीं के आते थे। नियम के अनुसार मॉनिटर उन्हें ही बनना चाहिए था, लेकिन उनके क्लास में लड़कियों की संख्या काफी कम थी। 40 छात्रों की कुल कक्षा में सिर्फ 8 ही लड़कियां थीं। इस कारण से हमारे मन में शंका थी कि ये लड़की होकर वो पूरे क्लास को कैसे संभाल पाएंगी, लेकिन द्रौपदी इस बात पर अड़ गईं। आखिरकार वही अपने क्लास की मॉनिटर बनीं।’
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेने वाली हैं। उसके बाद मुर्मू 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार समारोह की शुरुआत सुबह करीब सवा 10 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में होगा, जहां देश के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमणा उन्हें देश के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे। जिसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। और इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन होगा।