नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू आज भारत की 15वीं और दूसरी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी। वे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। ओडिशा के एक आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी का देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंचने का सफर आसान नहीं था। मुर्मू की चुनाव के लिए […]
नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू आज भारत की 15वीं और दूसरी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी। वे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। ओडिशा के एक आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी का देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंचने का सफर आसान नहीं था। मुर्मू की चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद ओडिशा के रायरंगपुर के एक मंदिर में झाड़ू लगाती हुई सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो जमकर वायरल हुई। यह भी एक संयोग है कि सावन के पहले सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ और आज यानी 25 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार को शपथ ग्रहण होगा। जानकारी के मुताबिक उनके पैतृक गांव में लोग बोलते हैं कि मुर्मू सब कुछ छोड़ सकती हैं, लेकिन अपने शिव बाबा का ध्यान नहीं।
उनके परिजन ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू सुबह 3-4 बजे के बीच सोकर उठ जाती हैं. वो हर रोज सुबह सेर (मॉर्निंग वॉक) पर योग करने जाती हैं। वहीं, मुर्मू हर एक दिन शिव की पूजा करती हैं। वह कभी भी अपने शिव की पूजा मिस नहीं करती हैं।
बता दें कि साल 2013 में बड़े बेटे की मौत के बाद मुर्मू डिप्रेशन में चली गई थीं। डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए उन्होंने अध्यात्म का सहारा लिया और शिवभक्त बन गईं। यहीं, नहीं उन्होंने नॉनवेज खाना भी छोड़ दिया। यहां तक की अब वे प्याज-लहसुन भी नहीं खाती हैं।
द्रौपदी मुर्मू के परिजन के मुताबिक जब भी वो गांव या घर आती है तो सबसे पहले फोन कर देती हैं कि मेरे आने ले पहले पखाल और सजना का साग बना कर रखना. आपको बता दें कि पखाल का मतलब पखाय यानी पानी का भात और सजना यानी सहजन का साग होता हैं। बहुत से राज्यों में इसे मुनगा का साग भी कहा जाता हैं। आगे उन्होने बताया कि घर के आंगन में लगा एक पेड़ सजना का पेड़ है। जब भी वह यहां आती हैं तो हम इसी पेड़ से साग तोड़कर बनाते हैं। असल में ओडिशा के ज्यादातर जगहों पर सहजन का पेड़ ठीक उसी तरह हर घर में विराजमान है, जैसे उत्तर भारत में हर घर में तुलसी होती हैं।
द्रौपदी मुर्मू के बारे में बताते कि वो क्या- क्या खाती हैं। उनके परिजनो का कहना है कि ‘मुर्मू वेजीटेरियन हैं। घर में जो भी सुबह के नाश्ते में बनता है, वो खा लेती हैं। वहीं, उनके नाश्ते में कुछ ड्राई फ्रूट्स जरूर शामिल रहते हैं। दोपहर के खाने में वो चावल, साग-सब्जी और रोटी खाती हैं। रात के भोजन में कोई फल और हल्दी वाला दूध पी लेती हैं।
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