DPS Student Thrown Out of School, Bareilly Ke DPS ne Fees na dene par Bachche ko School Se Nikala: बरेली के दिल्ली पब्लिक स्कूल, डीपीएस ने एक बच्चे को स्कूल से निकाल दिया क्योंकि उसकी मां स्कूल की फीस नहीं भर पाई थीं. इतना ही नहीं बल्कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूल में बात करने गई मां को भी स्कूल ने बाहर निकाल दिया. स्कूल की इस हरकत से नाराज मां ने डीएम और अभिभावक संघ से शिकायत की है. हालांकि स्कूल ने ऐसी किसी घटना से इंकार किया है.
बरेली. दिल्ली पब्लिक स्कूल, डीपीएस के बरेली ब्रांच में पढ़ने वाले एक कक्षा चार के छात्र को फीस का भुगतान ना कर पाने के कारण स्कूल से निकाल दिया गया. खबरों के मुताबिक बरेली की रहने वाली शिखा सिंह अपने बच्चे की दूसरे क्वार्टर की फीस जमा नहीं कर पाई थी. शिखा ने पहले क्वार्टर की फीस जमा कर दी थी लेकिन दूसरे क्वार्टर की फीस जमा करने में उसे कुछ देरी हो गई. शिखा का कहना है कि फीस में देरी के कारण स्कूल वालों ने बच्चे को स्कूल से निकाल दिया और स्कूल में उसका जाना बंद कर दिया. यहां तक की ट्रांसपोर्ट इंचार्ज ने बच्चे को स्कूल बस में बैठने नहीं दिया.
शिखा ने बताया कि उसने पहले क्वार्टर की फीस समय रहते भर दी थी लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण दूसरे क्वार्टर की फीस में देरी हो गई. इस कारण स्कूल के ट्रांसपोर्ट इंचार्ज ने बच्चे को स्कूल ले जाने से मना करते हुए बस में नहीं बैठने दिया. इसका विरोध करने पर ट्रांसपोर्ट इंचार्ज ने शिखा को कहा कि फीस भरने की औकात नहीं है तो बच्चे को डीपीएस में क्यों पढ़ा रही हो?
इसी के बाद शिखा अपने बच्चे को लेकर सोमवार को खुद स्कूल पहुंची. उन्होंने प्रिंसिपल को अपनी स्थिति बताते हुए कहा कि वो जल्द फीस जमा कर देगी तब तक बच्चे को स्कूल आने दिया जाए. हैरानी की बात ये थी कि बच्चे के साथ शिखा को भी स्कूल के बाहर निकाल दिया गया. इससे नाराज शिखा अपने बच्चे के साथ स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गई. शिखा ने इसकी शिकायत डीएम और अभिभावक संघ से भी की है.
इस पर स्कूल प्रिंसिपल वीके मिश्रा ने बताया कि उन्होंने किसी को भी स्कूल से नहीं निकाला है. उन्होंने शिखा के बारे में बताया कि वो बात करने आईं थीं और उसके बाद खुद ही बाहर चली गईं. प्रिंसिपल का कहना है कि शिखा स्कूल पर गलत आरोप लगा रही हैं. वहीं अभिभावक संघ के अध्यक्ष अंकुर सक्सेना ने स्कूल पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतने छोटे बच्चे को इस तरह से स्कूल से निकालना गलत व्यवहार है. अपनी इस हरकत के लिए स्कूल माफी मांगनी होगी. उन्होंने शिखा को आश्वासन दिया है कि उनके बच्चे के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि शुल्क कमेटी में इस मामले को उठाया जाएगा.