नई दिल्ली। दहेज हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाले मामले पर कहा कि दहेज हत्या समाज के खिलाफ एक अपराध है। इस मामले को लेकर संदेश देना चाहिए कि इस तरह का अपराध करने वाले व्यक्ति से […]
नई दिल्ली। दहेज हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाले मामले पर कहा कि दहेज हत्या समाज के खिलाफ एक अपराध है। इस मामले को लेकर संदेश देना चाहिए कि इस तरह का अपराध करने वाले व्यक्ति से कठोरता से निपटना चाहिए.
बता दें कि उच्च न्यायालय में सुनवाई न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने की। पीठ ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304b को शामिल करने का विधायी इरादा दहेज हत्या के अपराध से सख्ती से निपटना था. आगे पीठ ने कहा कि, ‘सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए दहेज हत्या के लिए सजा देने पर विचार करने की जरूरत है.
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने दहेज निषेध अधिनियम के तहत अपराधियों से सख्ती से निपटने की बात कही है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला की मौत के मामले में सास-ससुर द्वारा दायर अपील की सुनवाई पर टिप्पणी की है. दरअसल, हाईकोर्ट ने महिला के सास-ससुर को दोषी करार दिया था. बता दें कि महिला की शादी के होने के बाद एक साल के भीतर मौत हो गई थी. दहेज हत्या विषय सामने आया तो सुप्रीम कोर्ट ने समाज को स्पष्ट रुप से संदेश दिया है. इसके बारे में जिक्र करते हुए कहा कि समाज के अंदर यह संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि दहेज निषेध अधिनियम के तहत दहेज हत्या के अपराध में शामिल अपराधियों से सख्ती से कठोरता से निपटा जाएगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सास-ससुर की दायर की गई याचिका पर आरोपियों की कहानी को झूठा बताया. कहा कि बचाव पक्ष अपनी कहानी को साबित नहीं कर सकता है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि, ‘शादी के एक साल के भीतर महिला की मौत हो गई. आरोपियों ने झूठी कहानी गढ़ी है कि डायरिया से उसकी मौत हुई है, बचाव पक्ष इसे साबित नहीं कर पाया है.
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