Dowry harassment Case : दहेज की प्रताड़ना से आत्महत्या कर चुकी युवती के मामले में बीते मंगलवार को सुनवाई करते हुए सुप्रिम कोर्ट ने एक 80 साल की वृद्ध महिला को दोषी ठहराते हुए तीन महीने सश्रम कारावास की सजा सुनाई. वहीं मामले में टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा. कि एक महिला के साथ अपराध तब और संगीन हो जाता है,जब महिला अपनी ही बहू के साथ क्रूरता करती है. जस्टिस एम.आर.शाह और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा. यदि एक महिला अपनी पुत्रवधू की ही रक्षा नहीं करती तो वह और ज्यादा असुरक्षित हो जाती है.
पूरे मामले में पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसके पति, सास और ननद पर गहनों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. साथ ही शारीरिक और मानसिक यातना से तंग आकर बेटी के आत्महत्या करने की बात कही थी. इस मामले में निचली अदालत ने आईपीसी की धारा 498 ए के तहत दोषी करार दिया था.
निचली अदालत ने सबूतों को ध्यान में रखते हुए अन्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सिर्फ ससुर को बरी किया था. साथ ही दोषियों को एक साल की जेल और एक हजार रूपए का जुर्माना लगाया था. और 306 के तहत तीन साल की सजा और दो हजार का जुर्माना लगाया था. जबकि हाईकोर्ट ने 306 के तहत आरोपियों को बरी करते हुए. बाकी सजा बरकरार रखी थी. वहीं सुप्रिम कोर्ट ने अपीलकर्ता महिला की उम्र 80 साल को ध्यान में रखते हुए सजा की अवधि घटाकर तीन महीने सश्रम कारावास रखी।
तिरुवनंतपुरम। मलयालम सिनेमा के प्रसिद्ध लेखक वासुदेवन नायर का निधन हो गया है। उन्होंने 91…
वैसे तो क्रिसमस ईसाइयों का त्योहार है लेकिन इसके जश्न में दुनियाभर के कई धर्मों…
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि वैसे खंभों पर तार ‘बिछाया’ नहीं…
रुद्राक्ष बाबा के नाम से मशहूर शिव योगी मौनी महाराज ने हवा में त्रिशूल लहराते…
माकन ने कहा कि आज दिल्ली में पार्टी की जो हालत है और हम यहां…
शिक्षा मंत्रालय ने 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों को लेकर नियमों में बदलाव किया…