Kashi Vishwanath: काशी विश्वनाथ में टूटा दान का रिकॉर्ड, करीब 40 करोड़ का चढ़ा चढ़ावा

Kashi Vishwanath: वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम पूरे विश्व में प्रचलित हो गया है। इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद से अब तक यहां पर 40 करोड़ का चढ़ावा चढ़ा है, जिसने पिछले सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। अगर बात करें इस साल की तो 1 अप्रैल […]

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Kashi Vishwanath: काशी विश्वनाथ में टूटा दान का रिकॉर्ड, करीब 40 करोड़ का चढ़ा चढ़ावा

Vaibhav Mishra

  • November 26, 2022 11:59 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Kashi Vishwanath:

वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम पूरे विश्व में प्रचलित हो गया है। इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद से अब तक यहां पर 40 करोड़ का चढ़ावा चढ़ा है, जिसने पिछले सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। अगर बात करें इस साल की तो 1 अप्रैल से अब तक श्रद्धालुओं ने 27 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया है। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि भक्तों में डिजिटल पेमेंट का भी खूब क्रेज है। लोगों ने 30 से 40 प्रतिशत ऑनलाइन ट्रांजक्शन किया है। बीते 11 महीने में 8 करोड़ श्रद्धालु बाबा के दरबार में हाजिरी लगा कर आशीर्वाद लेने पहुंचे, न केवल भारत के लोग दर्शन करने आए बल्कि पूरे विश्वभर से भक्तों की तादाद यहां पहुंची है। मंदिर की भव्यता के चलते भक्त काफी उत्साहित है।

पहले10-12 करोड़ का सालाना चढ़ावा था

विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार, कोरोना से पहले फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में अत्यधिक 26 .65 करोड़ रुपए का चढ़ावा चढ़ाया गया था। ये खुद में ही एक रिकॉर्ड था। इससे पहले सालाना चढ़ावे काआंकड़ा 10 से 12 करोड़ था। मंदिर के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि इस भव्य धाम के प्रति श्रद्धालुओं के अंदर काफी उत्साह और भक्ति नजर आ रही है। यह काशी की लोकल इकोनॉमी के लिए भी एक अच्छा संकेत है।

बाबा का दरबार फैला है 5 लाख वर्ग में

श्री काशी विश्वनाथ धाम तीन हजार वर्ग फुट से विस्तार लेकर लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में परिवर्तित हो चुका है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि यहां के 33 भवनों और अन्य उपयोगी मार्गों और स्थलों में से 14 भवनों व अन्य जनोपयोगी स्थलों में गतिविधियां शुरू हो गई हैं। अभी यहां टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर- महाकालेश्वर भवन, अमृत भवन (जलपान केंद्र), मानसरोवर (कैफे बिल्डिंग) गंगा दर्शनम, रामेश्वर भवन (सिटी म्यूजियम), सोमनाथ भवन (वाराणसी गैलरी), घृष्णेश्वर भवन (स्पिरिचुअल बुक स्टोर), व्यास भवन (वैदिक केंद्र ) भीमाशंकर अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) त्र्यंबकेश्वर भवन (मल्टीपर्पज हॉल ) आदि जैसे जनोपयोगी स्थान आम जनता के लिए जल्द शुरू कर दिए जाएंगे।

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