Donald Trump on India Pakistan Mediation: जम्मू-कश्मीर में स्थिति सुधार के लिए डोनाल्ड ट्रंप जानना चाहते हैं की पीएम नरेंद्र मोदी का प्लान क्या है. इस बारे में जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने दी है. इससे पहले भी ट्रंप कह चुके हैं कि वो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करवाना चाहते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को एक बार फिर कश्मीर में स्थिति की मध्यस्थता करने की पेशकश करते हुए कहा था कि यह बहुत जटिल स्थिति है.
नई दिल्ली. जब इस सप्ताह के अंत में फ्रांस में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात होगी, तो अमेरिकी राष्ट्रपति यह जानना चाहेंगे कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे विभाजित करने के भारत के फैसले के बाद क्षेत्रीय तनाव को कम करने की क्या योजना बनाई. इस बारे में जानकारी व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने गुरुवार को दी. अधिकारी ने कहा कि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधान मंत्री मोदी से जानने की कोशिश करेंगे कि क्षेत्रीय तनाव को कम करने और कश्मीर में मानवाधिकारों के लिए भारत के भूमिका के रूप में उनकी क्या योजना है? कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान की सहायता के लिए ट्रम्प तैयार हैं यदि दोनों देश इसके लिए कहें तो. व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक से अधिक बार इस बारे में कहा है.
पीएम मोदी और ट्रम्प इस सप्ताहांत में जी 7 शिखर सम्मेलन के मौके पर फ्रांस में मिलेंगे. ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका कश्मीर में स्थिति को बहुत करीब से देख रहा है. हम बयानबाजी पर शांत हैं और संयम के साथ नजर बनाए रखे हुए हैं. अधिकारी के अनुसार, ट्रम्प कश्मीर की स्थिति पर बहुत केंद्रित हैं. अधिकारी ने कहा, उन्होंने (ट्रम्प ने) संकेत दिया है कि यदि दोनों पक्ष अपने तनाव को कम करने में मदद पाने में रुचि रखते हैं तो वह सहायता करने के लिए तैयार हैं. लेकिन हम सिर्फ इतना जानते हैं कि भारत ने किसी भी औपचारिक मध्यस्थता का अनुरोध नहीं किया है.
Senior US administration official: President Trump is also calling for Pakistan to prevent cross-border infiltration across the LoC & stop groups' bases on its soil that have attacked India in the past. (2/2) https://t.co/TD9OmsNKE5
— ANI (@ANI) August 23, 2019
उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने और इसके क्षेत्र में उन समूहों पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान बुला रहा है जिन्होंने अतीत में भारत पर हमला किया था. व्हाइट हाउस के अधिकारियों की टिप्पणी से एक दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से हल करना चाहिए और किसी भी तीसरे पक्ष को इस क्षेत्र में हिंसा को भड़काना नहीं चाहिए. पीएम मोदी और मैक्रोन ने गुरुवार को फ्रांस में एक-के-बाद-एक कार्यक्रम आयोजित किए.
वहीं मंगलवार को, डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर, कश्मीर पर मध्यस्थता करने की पेशकश करते हुए कहा था कि कश्मीर बहुत जटिल जगह है. आपके पास हिंदू हैं और आपके पास मुसलमान हैं और मैं नहीं कहूंगा कि वे इतने महान हैं. मैं कहूंगा सबसे अच्छा मैं मध्यस्थता कर सकता हूं. आपके पास दो काउंटियां हैं जो लंबे समय तक और स्पष्ट रूप से साथ नहीं हैं. यह एक बहुत खतरनाक स्थिति है.
ट्रंप ने एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों से बात की थी. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जब वो और पीएम नरेंद्र मोदी फ्रांस में सप्ताहांत में ग्रुप ऑफ सेवन (जी 7) के अविभाजित राष्ट्रों के शिखर सम्मेलन के लिए आएंगे तो वह इस विषय को उठाएंगे. पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर पर भारत के फैसले के खिलाफ अपने रुख के लिए दुनिया से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन नई दिल्ली ने अमेरिका को स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.