चंडीगढ़/नई दिल्ली: शंभू और खनौरी बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणियां की हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि किसान आंदोलन में बच्चों को आगे करना बड़े शर्म की बात है. आंदोलन में बच्चों की आड़ में हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा है. किसान क्या दिल्ली बॉर्डर पर कोई जंग चाहते हैं? उच्च न्यायालय ने कहा कि ये पंजाब का कल्चर नहीं है. मालूम हो कि किसान नेता बलबीर राजेवाल और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
पंजाब एंड हरियाणा होईकोर्ट ने कहा कि बच्चों को आगे करने वाले किसान नेताओं को गिरफ्तार कर चेन्नई की जेल भेज देना चाहिए. इन लोगों को कोर्ट में खड़े होने का अधिकार नहीं है. बता दें कि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि इस आंदोलन की वजह से 2 राज्यों की सरकारें अपना काम नहीं कर पा रही हैं. हरियाणा सरकार ने किसानों के प्रदर्शन के कई फोटो भी कोर्ट को दिखाए. जिसके बाद हाईकोर्ट ने सवाल पूछते हुए कहा कि हथियारों के साथ प्रदर्शन कैसे शांतिमय हो सकता है?
वहीं, किसान नेता दर्शनपाल ने हाईकोर्ट की टिप्पणियों पर कहा कि हमने कभी भी बच्चों को सामने कर हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया. हथियार और गोलियां तो पुलिस की ओर से चलाई गई हैं. किसान संगठनों ने तो पहले ही कह दिया था कि हम 13 फरवरी को राजधानी दिल्ली जाएंगे. अगर केंद्र सरकार हमें दिल्ली के रामलीला मैदान जाने देती तो फिर ऐसी नौबत ही नहीं आती. हाईकोर्ट को तो सरकार को ये कहना चाहिए कि किसानों को आप जानें दीजिए.
Anupam Kher: अनुपम खेर ने किसान आंदोलन पर दी प्रतिक्रिया,जानें क्या कहा
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