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Diwali 2020 Laxmi Puja Vidhi Muhurat: मां लक्ष्मी पूजा की पूर्ण विधि व श्रेष्ठ मुहूर्त देखें यहां, मां लक्ष्मी देगी वैभव का आशीर्वाद

Diwali 2020 Laxmi Puja Vidhi Muhurat: दिवाली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश व धन्वंतरि की पूजा विधि विधान से करने से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहती हैं। दिवाली का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता हैं। यानि की इस दिन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती हैं। साथ ही परिवार जन व रिश्तेदारों को मिठाई खिला दीपों का यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।

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  • November 12, 2020 2:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Diwali 2020 Laxmi Puja Vidhi Muhurat: दिवाली के त्यौहार में बस 2 दिन बाकी हैं। बाजर से लेकर घर सभी जगह दिवाली की खुशियों से रोशन हैं। वहीं दिवाली के दिन मां लक्ष्मी, गणेश व सरस्वती की पूजा की खासी महत्ता हैं। साल 2020 में दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी व लक्ष्मी मां का पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त 5:28 से 7:24 तक रहेगा। कहां जाता हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा से धन की वर्षा होती हैं साथ ही घर में सुख-समृद्दी रहती हैं। इसलिए आज हम आपको यहां मा लक्ष्मी की पूजा की विधि पूर्ण रुप से बताएंगे ताकि मां की कृपा आप सदैव बनी रहें।

Diwali 2020 Laxmi Puja Vidhi Muhurat:

-सबसे पहले उचित दिशा का चयन करें।

-मां लक्ष्मी के पूजा के स्थान को साफ कर लें।

-माता की चौकी के नजदीक फर्श पर मुठ्ठी भर अनाज की डेरी लगा दें।

-अनाज के ऊपर मिट्टी या चांदी का कलश स्थापित कर दें।

-कलश में थोड़ा सा पानी भरके रख दें।

-पानी के कलश में सुपारी, पान, फूल, चावल अथवा एक रुपए का सिक्का डाल दें।

-कलश के मुख पर कटोरी या सिकोरा रख दें साथ ही मिट्टी के छोटे पात्र में चावल डाल कलश का मुख बंद कर दें।

-जानकारी के लिए बता दें कि यह कलश ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता हैं।

-वहीं स्थापित कलश के नजदीक में हल्दी से कमलदल बनाएं व लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर दें।

-वहीं चौकी के आस-पास सिक्के बिखेर दें यदि आपके पास चांदी के सिक्के हैं तो वो भी श्रेष्ठ रहेंगें।

-मां लक्ष्मी की प्रतिमा के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा लगना ना भूलें।

-चौकी की बाई ओर कलश रखें साथ ही दाहिने स्थान पर प्रज्जवलित दीपक रखें।

-मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेर धन्वंतरि की प्रतिमा के समीप पांच दीपक जलाएं।

-प्रतिमा के पास फल, खील, बताशे व मिठाई प्रसाद रखें।

-इस प्रकार पूर्ण क्रिया के बाद धूप व अगरबत्ती जलाएं।

-पूजा की थाली में कपूर का दीपक प्रज्जवलित कर माता की आरती गाते हुए पूजा करें।

-अंत में देवी-देवताओं की अराधना कर प्रसाद ग्रहण करें।

-बच्चे अपने परिवार जन का आर्शीवाद लें।

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