मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में मतभेद की शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद भी मुंबई कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. बता दें कि पार्टी के लगभग 16 वरिष्ठ नेताओं ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से वर्षा गायकवाड को हटाने की मांग की है. […]
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में मतभेद की शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद भी मुंबई कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. बता दें कि पार्टी के लगभग 16 वरिष्ठ नेताओं ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से वर्षा गायकवाड को हटाने की मांग की है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस साल अक्टूबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पद से वर्षा गायकवाड के जगह किसी दूसरे नेता को ये पद देना चाहिए.
नेताओ का मानना है कि गायकवाड ने हाल ही में मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है. ऐसे में उनके पास संगठनात्मक स्तर पर काम करने के लिए समय नहीं होगा और नेताओ ने उनकी कार्यशैली पर भी आपत्ति जताई है.
नेताओं ने 16 जून को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुंबई में पार्टी के कायाकल्प और मुंबई निकाय चुनावों पर बातचीत करने के लिए समय मांगा है. इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य चंद्रकांत हंडोरे और मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख जनार्दन चंदुरकर. इसके अलावा भाई जगताप, वरिष्ठ नेता नसीम खान, सुरेश शेट्टी, मधु चव्हाण, चरणसिंह सपरा, जाकिर अहमद और महाराष्ट्र कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अमरजीत मन्हास शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर नेता शहर में पार्टी को कैसे मजबूत बनाया जाए इस पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल और राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं. कल महाराष्ट्र से जुड़ी बड़ी बैठक होने वाली है. कहा जा रहा है कि हाल ही में यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले के संबंध में विरोध प्रदर्शन में गायकवाड ने सिटी यूनिट दफ्तर में पार्टी के सभी नेताओं को नहीं बुलाया था, जिसके चलते उन्हें उपनगरों में अलग से विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. गायकवाड को मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बने हुए मात्र 13 महीने हुए हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी कैडर को प्रोत्साहित करने के लिए कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया है.
कांग्रेस छोड़कर फंस गईं किरण चौधरी, अब विधायकी से धोना पड़ेगा हाथ