गांधीनगर। गुजरात के जनजाति बहुल क्षेत्रों में धर्म-परिवर्तन का गंदा खेल चल रहा है। यहां पर ईसाई मिशनरियां काफी तेजी से पैर पसार रही हैं। ईसाई मिशनरियों ने भोले-भाले आदिवासियों का धर्मांतरण करना शुरू कर दिया है। जिसके चलते इलाके की जनसांख्यिकी में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता लगातार इस समस्या से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो ईसाई मिशनरियों को रोकने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
एक्शन के लिए समय कम
गुजरात के आदिवासी जिलों में जमीनी हालात, आंकड़े और स्थानीय लोगों के अनुभव ये बता रहे हैं कि अगर राज्य सरकार ने इस विषय में जल्द ही कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया तो फिर बहुत जल्द इलाके बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों के मुताबिक इन जिलों में एक्शन लेने के लिए काफी कम वक्त बचा है।
तापी जिला ज्यादा प्रभावित
ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के खेल में गुजरात का तापी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। तापी जिले में धर्मांतरण के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे कार्यकर्ताओं ने बताया कि पिछले कुछ सालों में ही यहां पर करीब 15,00 छोटे-बड़े चर्चा बन गए हैं। इनमें से ज्यादातर चर्च अवैध रूप से स्थापित हुए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि तापी में ईसाइयों की जनसंख्या दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक यहां कोई भी इंसान धर्म परिवर्तन नहीं कर रहा है।
यह भी पढ़ें-
हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो! भरी संसद में विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को लताड़ा