सदन में सांसद कार्तिकेय शर्मा के अश्विनी कुमार चौबे से सीधे सवाल, बोले- सांस लेने लायक नहीं बची हवा…

नई दिल्ली: राजयसभा की कार्यवाही के दौरान सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सदन में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे से सीधे कई सवाल पूछे. इन सवालों में दिल्ली की हवा, सरकार द्वारा उठाए गए कदम संबंधित कई मुद्दों को शामिल किया गया. आइए […]

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सदन में सांसद कार्तिकेय शर्मा के अश्विनी कुमार चौबे से सीधे सवाल, बोले- सांस लेने लायक नहीं बची हवा…

Riya Kumari

  • February 9, 2023 10:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: राजयसभा की कार्यवाही के दौरान सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सदन में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे से सीधे कई सवाल पूछे. इन सवालों में दिल्ली की हवा, सरकार द्वारा उठाए गए कदम संबंधित कई मुद्दों को शामिल किया गया. आइए जानते हैं क्या रहे सांसद कार्तिकेय शर्मा के सवाल जिनपर अश्विनी कुमार चौबे ने दिया जवाब. उन्होंने(कार्तिकेय शर्मा ने) सबसे पहले राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से कहा कि क्या आप यह बताने की कृपा करेंगे कि :

सांसद कार्तिकेय शर्मा के सवाल

– क्या सरकार इस तथ्य को स्वीकार करती है कि दिल्ली में हवा सांस लेने लायक नहीं बची है; यदि हां, तो बढ़ते प्रदूषण के क्या कारण हैं;
– राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के अंतर्गत प्रदूषण कम करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं;
– इन कदमों से दिल्ली के प्रदूषण पर क्या प्रभाव पड़ा है, तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
– क्या एनसीएपी द्वारा दिल्ली और भारत के अन्य शहरों के प्रदूषण को कम किया जा सकता है; और
– यदि नहीं, तो क्या सरकार द्वारा ऐसे और स्वच्छ वायु अभियान चलाने की योजना प्रस्तावित है?

अश्विनी कुमार चौबे के जवाब

उनके सभी सवालों का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे ने जवाब दिया. अपने जवाब में वह कहते हैं,

‘विपरीत मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण सर्दियों के दौरान दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. औद्योगिक प्रदूषण, वाहनीय प्रदूषण, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों से धूल, सड़क और खुले क्षेत्रों की धूल, बायोमास जलाना, पराली जलाना, नगर पालिका ठोस अपशिष्ट जलाना, सैनिटरी लैंडफिल में आग आदि दिल्ली के प्रदूषण के प्रमुख स्त्रोतों में शामिल हैं. विशेष रूप से पहचाने गए विभिन्न स्रोतों और क्षेत्रीय स्रोत जैसे कि वाहनीय क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, पराली जलाना और अन्य से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं; जिन्होंने वायु गुणवत्ता में क्रमिक सुधार दिखाया है।’

‘वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव’

इसके अलावा उन्होंने जवाब दिया कि, वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और वर्ष 2021 में सुधार देखा गया था क्योंकि दिल्ली के लिए सीएएक्यूएमएस डेटा से पता चलता है कि पीएम की वार्षिक सांद्रता वर्ष 2016 से धीरे-धीरे कम हुई है। वाहनों की संख्या में वृद्धि, बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि और प्रतिकूल मौसम विज्ञान के बावजूद, वर्ष 2016 के संदर्भ में वर्ष 2021 में दिल्ली में पीएम 10 में 27% और पीएम 2.5 में 22% की कमी देखी गई है। तुलनात्मक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की औसत और वायु गुणवत्ता सूचकांक डेटा अनुबंध पर दिया गया है।

132 शहरों में कार्य योजनाएं

एनसीपी द्वारा दिल्ली और भारत के अन्य शहरों में प्रदूषण काम करने के सवाल पर मंत्री जवाब देते हैं कि ‘एनसीएपी के अन्तर्गत, देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लक्ष्य के साथ दिल्ली सहित मानकों को प्राप्त नहीं करने वाले 132 शहरों और दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में कार्यान्वयन हेतु शहर विशिष्ट वायु कार्य योजनाएं शुरू की गई हैं। इन वार्षिक कार्य योजनाओं में शहर की योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों के सूक्ष्म विवरण के साथ समग्र और वार्षिक लक्ष्य, वित्तीय विवरण, समयसीमाएं और जिम्मेदार एजेंसियां शामिल हैं।’

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