Digvijay Singh on Masood Azhar UNSC Global Terrorist: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मसूद अजहर के संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित होने पर बयान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान दोस्त हैं ऐसे में मसूद अजहर पर कार्रवाई कैसे की जाएगी.
भोपाल. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आंतकी घोषित होने पर कहा कि, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी दोस्ती को दिखा रहे हैं तो मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से क्या होगा.
भारत के लिए ये एक बड़ी जीत है कि मसूद अजहर को बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया. चीन ने मसूद अजहर को चार बार ब्लैकलिस्ट करने के कदमों को रोका था. अंत में चीन ने अपनी आपत्तियों को यह कहते हुए छोड़ दिया कि संशोधित सामग्रियों के सावधानीपूर्वक अध्ययन के बाद कोई आपत्ति नहीं मिली. दिग्विजय सिंह ने कहा, एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में मसूद अजहर पर कैसे मदद मिलेगी जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोदीजी के साथ अपनी दोस्ती निभा रहे हैं. मैं कहूंगा कि दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद को तुरंत भारत को सौंप देना चाहिए.
कांग्रेस ने मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने का स्वागत किया था और कहा था कि सरकार को उसके सिर पर इनाम की घोषणा के लिए जोर देना चाहिए, जैसा कि लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने किया था. पार्टी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का निर्णय केवल पहला कदम था और पाकिस्तान को अपनी धरती से चल रहे पूरे आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए मजबूर होना चाहिए.
मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद 14 फरवरी के पुलवामा आत्मघाती विस्फोट के पीछे था जिसमें सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों ने अपनी जान गंवाई थी. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में पुलवामा हमले का कोई संदर्भ नहीं था. पिछले महीने, इमरान खान ने ये कहा था कि वह भारत के साथ शांति वार्ता का बेहतर मौका देखते हैं अगर पीएम मोदी की भाजपा राष्ट्रीय चुनाव जीतती है. इसके बाद प्रधान मंत्री और सत्ताधारी पार्टी पर पाकिस्तान की भाषा बोलने के आरोप विपक्ष द्वारा लगाए गए.
इमरान खान ने कहा था कि अगर भारत में अगली सरकार कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में रही तो हो सकता है कि कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ समझौता करने के लिए वो बहुत डरी हुई हो. मीडिया में इमरान खान के हवाले से खबरें थीं कि, शायद अगर बीजेपी- दक्षिणपंथी पार्टी जीतती है तो कश्मीर में किसी तरह का समझौता हो सकता है.