नई दिल्ली। Diabetes एक पुरानी बीमारी है जिसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। अस्तर की समस्या तब होती है जब अग्न्याशय अस्तर बनाने में सक्षम नहीं होता है या शरीर अस्तर का ठीक से उपयोग करने में असमर्थ होता है। शरीर […]
नई दिल्ली। Diabetes एक पुरानी बीमारी है जिसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। अस्तर की समस्या तब होती है जब अग्न्याशय अस्तर बनाने में सक्षम नहीं होता है या शरीर अस्तर का ठीक से उपयोग करने में असमर्थ होता है। शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने के लिए सिर्फ डाइट ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके और भी कई कारण हैं।
नींद – आपकी नींद का चक्र आपके रक्त शर्करा के स्तर के साथ-साथ कई शारीरिक प्रवाहों को प्रभावित करता है। अध्ययन के अनुसार जिन लोगों में नींद की कमी होती है उनमें ग्लूकोज नियंत्रण और रेखा प्रतिरोध प्रभावित हो सकता है। नींद पूरी न होने से भी आप तनाव का सामना कर सकते हैं, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल बुरी तरह प्रभावित होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें।
तनाव का स्तर- तनाव आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। इससे आपको कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। तनाव का ब्लड शुगर लेवल पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। तनाव के कारण हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन होता है जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है।
फिजिकल एक्टिविटी लेवल- फिजिकल साइंस न करने से आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नियमित व्यायाम से आप अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रख सकते हैं। लेकिन एक्सरसाइज करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञ की सलाह के बिना भारी व्यायाम आपके रक्त शर्करा के स्तर में अचानक गिरावट का कारण बन सकता है।
निर्जलीकरण- निर्जलित होना आपके रक्त शर्करा के स्तर के लिए खतरनाक हो सकता है। जब आप कम पानी पीते हैं तो इससे आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि भर्ती मरीज ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं।
दवाई- कई बार धूम्रपान भी आपके ब्लड शुगर लेवल को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है। ऐसे में जरूरी है कि कोई भी मरीज खाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करे।